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बचपन में सगाई, 22 की उम्र में शादी का दबाव; CA युवती ने उठाया खौफनाक कदम

चार्टर्ड एकाउंटेंट युवती ने खाप पंचायत के फैसले के विरोध में पुलिस में शिकायत दी और वहां कार्रवाई नहीं हुई तो उसने थाने में ही जहर खा लिया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 12:20 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 02:05 PM (IST)
बचपन में सगाई, 22 की उम्र में शादी का दबाव; CA युवती ने उठाया खौफनाक कदम
बचपन में सगाई, 22 की उम्र में शादी का दबाव; CA युवती ने उठाया खौफनाक कदम

जयपुर, जेएनएन। जोधपुर की एक चार्टर्ड एकाउंटेंट युवती ने खाप पंचायत के फैसले के विरोध में पुलिस में शिकायत दी और वहां कार्रवाई नहीं हुई तो उसने थाने में ही जहर खा लिया। इस युवती का बाल विवाह कर दिया गया था और युवती ने जब इसका विरोध किया तो खाप पंचायत ने परिवार पर 16 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया था।

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दिव्या चैधरी नाम की यह युवती जोधपुर के शिकारगढ़ में निवासी पूराराम चैधरी की लडकी है। पिता ने दिव्या की सगाई उसके बचपन में ही पाल रोड निवासी जीवराज के साथ कर दी थी। दिव्या के इनकार के बाद परिजन तो मान गए, लेकिन इस बीच खांप पंचायत ने मामले में दखल दे दिया। चार माह से दिव्या के परिवार पर पंचायत तथा युवक के परिवार की ओर से शादी का दबाव बनाया जा रहा था। पंचों की ओर से 25 अक्टूबर को बनाड़ स्थित महादेव मठ में 17 खेड़ों की पंचायत बुलाई गई। इसके लिए दिव्या के घर बुलावा भेजा गया। पंचायत में दिव्या के परिवार के लोग नहीं पहुंचे। बनाड़ पुलिस से शिकायत करने पर पुलिस पहुंच गई तो पंच पंचायत से भाग छूटे।

इसके बाद तिलमिलाए पंचों ने तय किया कि अब परिवार को समाज से बहिष्कार करने के साथ-साथ आर्थिक दंड दोगुना कर देंगे। 27 अक्टूबर को फिर पंचायत की गई। शादी से इनकार करने पर पूराराम पर 16 लाख रुपये दंड लगा दिया। समाज के डर से दिव्या के परिजनों ने डेढ़ घंटे में ये राशि जमा करवा दी। इसके बाद भी पंचों का कहना था कि 25 अक्टूबर की पंचायत में जो पुलिस बुलाई गई इसके लिए एक और दंड भरना पड़ेगा। पुलिस में जो मुकदमा दर्ज हुआ है उसे वापस लेना होगा।

खांप पंचायत के दंड व पिता को परेशान होता देखकर दिव्या रविवार को फिर पुलिस के पास गई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती देख उसने हताश होकर थाने में ही सल्फॉस की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। इस पर उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है। उसकी हालत वैसे तो खतरे से बाहर है, लेकिन परिजन उसे आगे इलाज के लिए अहमदाबाद ले जा सकते है। बताया जा रहा है कि चार माह से चल रही इस परेशानी के कारण दिव्या घर से बाहर नहीं निकल पा रही थी, इसके चलते उसे पांच इंटरव्यू छोड़ने पड़े।
इस बीच, जोधपुर के पुलिस कमिश्नर आलोक ने घटना को गंभीर मानते हुए जांच इंवेस्टिगेशन एसीपी नारायणसिंह को दे दी है और केस की माॅनिटरिंग वे खुद करेंगे। 


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