जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार वसुंधरा राजे सरकार द्वारा राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का नाम बदले जाने के फैसले को निरस्त करने की तैयारी कर रही है। वसुंधरा सरकार ने राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का नाम बदलकर अटल सेवा केन्द्र कर दिया था।
हालांकि हाईकोर्ट ने वसुंधरा सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया था। लेकिन उसके बाद भी इन पर अटल सेवा केन्द्र ही लिखा हुआ था और ये केन्द्र केवल कागजों में चल रहे थे। अब गहलोत सरकार राजीव गांधी सेवा केन्द्रों को सक्रिय कर ग्रामीणों से जुड़ी आम समस्याओं का निपटारा इन्ही के माध्यम से करने की तैयारी कर रही है। राज्य की 9,500 पंचायत समितियों में राजीव गांधी सेवा केन्द्र सक्रिय होंगे। इसके साथ ही भामाशाह स्वास्थ्य योजना के स्थान पर मुफ्त दवा और जांच योजना को फिर से शुरू किया जाएगा। गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में मुफ्त दवा और जांच योजना शुरू की थी,लेकिन वसुंधरा राजे सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। वसुंधरा सरकार ने भामाशाह स्वास्थ्य योजना शुरू की थी।
सीएम सहायता कोष से मदद मिलना आसान होगा
मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद दिए जाने की प्रक्रिया का भी गहलोत सरकार सरलीकरण करने जा रही है। इसके तहत अब किसी भी ई-मित्र के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता कोष से मदद के लिए आवेदन किए जा सकेंगे। अब तक आर्थिक मदद चाहने वाले व्यक्ति को जयपुर स्थित शासन सचिवालय में आवेदन करना होता था और फिर मंजूरी के लिए लंबी प्रक्रिया होती थी। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कई बार सचिवालय के चक्कर लगाने होते थे। अब गांवों में ही ई-मित्र के माध्यम से आवेदन किया जा सकेगा और निश्चित समय सीमा में आर्थिक मदद मुहैया करा दी जाएगी।
छात्रवृति के नियमों का सरलीकरण होगा
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से ओबीसी वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृति के नियमों में फेरबदल होगा। इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने 8 जनवरी को अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
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