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Reservation: भरतपुर व धौलपुर के जाटों को आरक्षण के मामले में केंद्र को पत्र लिखेगी गहलोत सरकार

Reservation राजस्थान मेें भरतपुर के पूर्व महाराजा व विधायक विश्वेंद्र सिंह ने शनिवार को आरक्षण के मुद्दे को लेकर सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की। उन्होंने दोनों जाटों को आरक्षण की आवश्यकता को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 04:11 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 04:11 PM (IST)
Reservation: भरतपुर व धौलपुर के जाटों को आरक्षण के मामले में केंद्र को पत्र लिखेगी गहलोत सरकार
जाटों को आरक्षण के मामले में गहलोत सरकार केंद्र को पत्र लिखेगी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Reservation: राजस्थान में भरतपुर व धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने को लेकर अशोक गहलोत सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी। पत्र में इन दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण देने की मांग की जाएगी। भरतपुर के पूर्व महाराजा व विधायक विश्वेंद्र सिंह ने शनिवार को आरक्षण के मुद्दे को लेकर सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की। उन्होंने दोनों जाटों को आरक्षण की आवश्यकता को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की। गहलोत से मुलाकात के बाद विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार जल्द से जल्द इसके समर्थन में केंद्रीय सरकार को पत्र भेजने का निर्णायक कदम उठाएगी। सीएम ने ऐसा आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने जाटों को ओबीसी में शामिल किया था।

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1999 में उस समय भरतपुर और धौलपुर के जाटों को वंचित रखा गया। जिसके लिए हमने लंबी लड़ाई लड़ी, दोबारा सर्वे हुआ। इसके बाद भरतपुर और धौलपुर के जाटों को राज्य में आरक्षण मिला, लेकिन केंद्र सरकार की भर्तियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिला। काफी समय से हम इस आरक्षण की सिफारिश केंद्र सरकार से करने की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भरतपुर-धौलपुर जाट समाज को 1999 में आरक्षण दिया था। जिसे 2013 में समाप्त कर दिया गया। इसके बाद समाज ने लंबा आंदोलन किया और पुनः 2017 में राज्य सरकार ने आरक्षण दिया, लेकिन केंद्र में अब तक नहीं दिया गया है। उस समय यह बात सामने आई थी कि इन दोनों जिलों में रियासत काल में जाट राजाओं का शासन था। इन जिलों के जाटों को आर्थिक रूप से संपन्न माना गया था। पिछले सप्ताह भरतपुर जिले के पैथना में दोनों जिलों के जाटों की महापंचायत हुई थी, जिसमें आरक्षण की मांग की गई थी। 

गौरतलब है कि राजस्थान में जातिगत आरक्षण का मुद्दा अशोक गहलोत सरकार के लिए गले की फांस बना हुआ है। पिछले दिनों गुर्जर समाज ने 11 दिन तक दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रेक पर जाम किया। काफी मशक्कत के बाद सरकार ने गुर्जरों के साथ समझौता किया। अब मीणा और मीना विवाद के साथ ही धौलपुर व भरतपुर के जाटों को आरक्षण देने का मुद्दा गरमा गया है।


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