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Rajasthan: मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने वालों को पैकेज देगी गहलोत सरकार

Rajasthan राजस्थान सरकार ने प्रदेश में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की पहल की है। सरकार ने तय किया है कि मेडिकल ऑक्सीजन बनाने वालों को विशेष पैकेज दिया जाएगा। इसके तहत ऑक्सीजन प्लांट व मशीनरी पर किए गए खर्चे के 25 फीसदी तक पूंजीगत अनुदान किया जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 04:54 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 04:54 PM (IST)
Rajasthan: मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने वालों को पैकेज देगी गहलोत सरकार
मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने वालों को पैकेज देगी गहलोत सरकार। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। तेजी से फैल रही कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी महसूस की जा रही है। ऑक्सीजन की कमी के चलते पीड़ितों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच, राजस्थान सरकार ने प्रदेश में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की पहल की है। सरकार ने तय किया है कि मेडिकल ऑक्सीजन बनाने वालों को विशेष पैकेज दिया जाएगा। इसके तहत ऑक्सीजन प्लांट व मशीनरी पर किए गए खर्चे के 25 फीसदी तक पूंजीगत अनुदान किया जाएगा। यह अधिकतम 50 लाख रुपये तक हो सकता है। प्रारंभिक तीन साल तक सरकारी विभागों की नियामक स्वीकृतियां व निरीक्षण में छूट रहेगी। राज्य सरकार इन प्लांट को केंद्र के विभागों से नियामक स्वीकृतियां दिलवाने, पानी व बिजली के कनेक्शन शीघ्र करवाने में सहयोग करेगी। हालांकि यह पैकेज 30 सितंबर तक ही दिया जाएगा। इसमें कम से कम एक करोड़ रुपये का निवेश करना होगा।

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उधर राज्य को अब भी जरूरत के हिसाब से मेडिकल ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है। यहां प्रतिदिन 380 टन की जरूरत है, जबकि मात्र 265 ऑक्सीजन ही दी जा रही है। चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन जरूरत के मुताबिक सप्लाई नहीं की जा रही। अब भी भाजपा शासित मध्य प्रदेश, गुजरात को यहां से ज्यादा ऑक्सीजन दी जा रहा है। मध्य प्रदेश को 649 टन और गुजरात को 975 टन ऑक्सीजन दी जा रही है। सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन की सप्लाई पर फिलहाल रोक लगा दी है। ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित अन्य आवश्यक दवाओं की सप्लाई व्यवस्थित ढंग से कराए जाने और पीड़ितों को मदद दिए जाने को लेकर सरकार ने एक दर्जन आइएएस अधिकारियों को अलग-अलग क्षेत्रों का जिम्मा सौंपा है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की ड्यूटी आगामी आदेश तक चिकित्सा विभाग व अधिक संक्रमित जिला कलेक्टरों को सौंपी है। इधर, प्रदेश के कई जिलों में कोरोना के लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं।


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