Gehlot Government: साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्ज से जूझती गहलोत सरकार खरीदेगी नया जेट विमान
Gehlot Government. किराए के विमान या हेलीकॉप्टर से काम चला रही राज्य सरकार ने अब गुजरात की तर्ज पर अत्याधुनिक जेट विमान खरीदने का निर्णय किया है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Gehlot Government. करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज से जूझती राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अत्याधुनिक मल्टी टरबाइन वीवीआइपी जेट विमान खरीदेगी। पिछले छह साल से किराए के विमान या हेलीकॉप्टर से काम चला रही राज्य सरकार ने अब गुजरात की तर्ज पर अत्याधुनिक जेट विमान खरीदने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में तकनीकी कमेटी का गठन किया गया है। अब तक राज्यपाल और मुख्यमंत्री के किराए के विमान में सफर करने के कारण हर दिन सरकारी खजाने में दो से तीन लाख रुपये तक का खर्च आता है। एक साल में ही किराए में सरकार 50 लाख रुपये निजी कंपनी को भुगतान कर चुकी है।
उधर, पिछले छह साल से जिस अगस्ता हेलीकॉप्टर को बेचने का प्रयास किया जा रहा है, उसमें सरकार को अब तक सफलता नहीं मिली है। अगस्ता हेलीकॉप्टर पिछली वसुंधरा राजे सरकार की तरह वर्तमान गहलोत सरकार के भी गले की फांस बन गया है। वसुंधरा राजे सरकार ने अगस्ता की नीलामी की दर 12.40 करोड़ रखी थी, उस समय इसका कोई खरीददार नहीं आया। अब इसकी कीमत पांच करोड़ रुपये तक रखी गई है। सरकार के पास एक विमान सी 90 भी है। लेकिन तीन वर्ष पुराने इस विमान को वीवीआइपी उड़ानों के लिए काम में नहीं लिया जाता है। इस विमान को बेचने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
पिछले दिनों गुजरात सरकार ने बोम्बार्डियर चैलेंजर-650 विमान 191 करोड़ रुपये में खरीदा है। गहलोत सरकार के अधिकारी उस कंपनी से भी बात कर रहे हैं, जिससे गुजरात सरकार से विमान खरीदा है। हालांकि आर्थिक संकट के चलते गहलोत सरकार करीब 80 करोड़ रुपये तक का ही विमान खरीदने पर विचार कर रही है।
अगस्ता हेलीकॉप्टर बना सरकार के गले की फांस
उल्लेखनीय है कि साल, 2011 में अगस्ता हलीकॉप्टर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ले जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस समय गहलोत बाल-बाल बचे थे। तब से ही यह जयपुर स्थित स्टेट हैंगर पर खड़ा है। गहलोत के सत्ता से हटने के बाद साल, 2014 में वसुंधरा राजे सरकार बनी तो उसने इसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। सरकार ने इसकी कीमत 12.40 करोड़ रुपये तय की। लेकिन इसको खरीदने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।
अब राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपये तक ही रखी है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि खराब हालत में स्टेट हैंगर पर खड़े अगस्ता धीरे-धीरे कबाड़ में बदल रहा है। लेकिन मशीनरी को अधिक नुकसान नहीं हो, इसके लिए सरकार द्वारा इस पर खास किस्म का स्प्रे कराया जाता है। इसके रखरखाव पर ही सरकार को सालाना करीब दो लाख रुपये खर्च करने होते हैं।