Rajasthan: गहलोत सरकार ने आरटीई के लिए आय सीमा बढ़ाई
Gehlot government. आरटीई के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ाई के लिए अब सालाना आय सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख करने का फैसला किया गया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Gehlot government. राजस्थान में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) को लेकर अशोक गहलोत सरकार ने पिछली वसुंधरा राजे सरकार के फैसले को पलट दिया है। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ाई के लिए अब सालाना आय सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख करने का फैसला किया गया है। पहले यह सीमा एक लाख रुपये थी। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी शिक्षा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा के दौरान आरटीई के लिए आय सीमा को बढ़ाने की मंजूरी दी। अब जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, आरटीई के तहत पहले आय सीमा 2.5 लाख रुपये सालाना ही थी, लेकिन पूर्व वसुंधरा राजे सरकार के समय यह आय सीमा एक लाख रुपये कर दी गई थी। अब गहलोत सरकार ने इसे फिर से पहले की तरह कर दिया है। आरटीई के तहत गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने का खर्च सरकार वहन करती है। आरटीई कोटे से निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए लॉटरी निकाली जाती है। आरटीई के तहत प्रवेश के लिए आय सीमा बढ़ाने का फायदा हजारों गरीब परिवारों के बच्चों को मिलेगा। अब तक आय सीमा कम होने से ये बच्चे बड़े निजी स्कूलों में प्रवेश से वंचित हो रहे थे।
वीसी में कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को नए सिरे से जिले आवंटन करने का फैसला किया गया। भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को अब अलग अलग विभाग अपने हिसाब से नए सिरे से जिला आवंटित करेंगे। पहले जिला आवंटन में गड़बड़ियों की शिकायतें थी। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षा की शेष परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रखने का भी वीसी के दौरान निर्णय लिया गया। वहीं, सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सीबीएसई के फैसले के आधार पर राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा।