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Rajasthan: गहलोत सरकार फिर बढ़ा सकती है भाजपा नेताओं की मुश्किलें

Gehlot government. अशोक गहलोत सरकार के इस निर्णय से भाजपा के राज्यसभा सदस्य एवं वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की मुश्किल बढ़ सकती हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 03:11 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 03:11 PM (IST)
Rajasthan: गहलोत सरकार फिर बढ़ा सकती है भाजपा नेताओं की मुश्किलें
Rajasthan: गहलोत सरकार फिर बढ़ा सकती है भाजपा नेताओं की मुश्किलें

जयपुर, जागरण संवाददाता। Gehlot government. राजस्थान की पिछली वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह माह के कार्यकाल में पुलिस में दर्ज 264 मुकदमों के वापस लेने के निर्णय को अशोक गहलोत सरकार पलटने की तैयारी कर रही है। इन मुकदमों से जुड़े तथ्यों को लेकर पिछले दो दिन से गृह विभाग के अधिकारी आपसी विचार-विमर्श में जुटे हैं। वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह माह के कामकाज की समीक्षा के लिए बनी मंत्रियों की समिति के अध्यक्ष स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि ऐसे तथ्य सामने आए हैं कि भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज कई मुकदमें केवल राजनीतिक रूप से उपकृत करने के लिए वापस ले लिए गए थे। अब इन्हें वापस खोला जा रहा है।

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राज्यसभा सांसद मीणा की बढ़ सकती हैं मुश्किल

अशोक गहलोत सरकार के इस निर्णय से भाजपा के राज्यसभा सदस्य एवं वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की मुश्किल बढ़ सकती हैं। मीणा के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में एक दर्जन मुकदमें दर्ज हैं। गृह विभाग ने दौसा, करौली और अलवर जिलों के पुलिस अधीक्षकों से मीणा के खिलाफ दर्ज मुकदमों की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) बीएल सोनी ने बताया कि किरोड़ी लाल मीणा से जुड़ी फाइलें गृह विभाग से जिलों में पुलिस अधीक्षकों को भेज दी गई हैं। अब जिला पुलिस अधीक्षक आगे कार्रवाई करेंगे। मीणा के खिलाफ करौली जिले में दर्ज दुष्कर्म के मामले की जांच फिर से कराने पर विचार किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, मीणा के खिलाफ साल 2008 में करौली जिले के नादौती में मीणा पर समर्थकों से फायरिंग कराने का आरोप है। साल 2009 में अलवर जिले के थानागाजी में पुलिस चौकी पर तोड़फोड़ को लेकर मीणा एवं उनके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज हैं। साल 2010 में पैसेंजर ट्रेन पर तोड़फोड़ को लेकर मामला दर्ज हुआ था। साल 2012 में दौसा जिले के बांदीकुई में ट्रेन और पटरी पर अपने समर्थकों के साथ तोड़फोड़ का आरोप है। इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। साल 2012 में ही सपोटरा में पुलिस थाने में घुसकर तोड़फोड़ करने का मामला दर्ज है।

इसी तरह सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा एवं मानपुर में उपद्रव के मामले दर्ज हुए थे। इनके अलावा भी भीड़ को भड़काने को लेकर मीणा के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे। पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने ये मामले वापस ले लिए थे। लेकिन करीब नौ माह पूर्व सत्ता में आते ही अशोक गहलोत सरकार ने वसुंधरा राजे सरकार के छह माह के कार्यकाल की समीक्षा का निर्णय लिया था। इसी समीक्षा के दौरान उन 264 मुकदमों की फाइल फिर से खोली गई है, जिन्हें वसुंधरा सरकार ने बंद कर दिया था। इनमें मीणा से जुड़े मामले शामिल हैं। 

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