Rajasthan: गहलोत सरकार का होटल, डाक बंगले, मिडवे निजी हाथों में देने पर विचार
गहलोत सरकार अब पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की राह पर होटल डाक बंगले मिडवे निजी हाथों में देने पर विचार
जयपुर, जागरण संवाददाता। विपक्ष में रहते हुए सरकारी संपतियों के निजीकरण का विरोध करती रही कांग्रेस का रूख अब सत्ता में आने के बाद बदल गया है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार राज्य पर्यटन विकास निगम की होटल, मिडवे ,सार्वजनिक निर्माण विभाग के डाक बंगले और पुराने किलों को निजी हाथों में देने पर विचार कर रही है।
पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने इसी तरह की योजना बनाई थी, जिसका कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए विरोध किया था। योजना को अमल में लाने से पहले ही विधानसभा चुनाव में सरकार बदल गई और कांग्रेस सत्ता में आ गई। सत्ता संभालने के बाद से ही गहलोत सरकार ने इन संपतियों का संचालन एवं मेंटिनेंस निजी कंपनियों को देने पर विचार करना शुरू कर दिया ।
इसके लिए मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता की अध्यक्षता में बैठकों के कई दौर हो चुके, अब इन संपतियों को निजी हाथों में सौंपने का काम अंतिम दौर में है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में राज्य पर्यटन विकास निगम की करीब 75 होटल है, जिनमें 46 बंद होने की स्थिति में है। वहीं 29 होटलों का संचालन हो रहा है, लेकिन ये भी घाटे में है। यही हालत मिडवे की है। अधिकांश मिडवे बंद हो चुके। राज्य पर्यटन विकास निगम करीब 20 करोड़ के घाटे में चल रहा है। कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण पुराने किलो में पर्यटकों की आवाजाही बंद होने से भी निगम को काफी नुकसान हुआ है। किलो में लाइट एंड साउंट प्रोग्राम अब भी बंद है। राज्य सरकार के अधीन पुराने किले व डाक बंगलों की भी सार-संभार नहीं हो पा रही है। राज्य के मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता का कहना है कि जिन संपतियों के संचालन में समस्या है। उन्हे पीपीपी मोड पर चलाने पर विचार किया जा रहा है। विभागों का भी प्रस्ताव था ।