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गहलोत सरकार की कर्ज माफी, किसी किसान को 5 रूपये और किसी को मिली 320 रूपये की राहत

राहुल गांधी के चुनावी वादे के अनुरूप राजस्थान की गहलोत सरकार ने तीन दिन में 24 लाख किसानों के साढ़े दस हजार करोड़ करोड़ के कर्ज माफ करने की किसान कर्ज माफी योजना शुरू की है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 02:09 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 02:09 PM (IST)
गहलोत सरकार की कर्ज माफी, किसी किसान को 5 रूपये और किसी को मिली 320 रूपये की राहत
गहलोत सरकार की कर्ज माफी, किसी किसान को 5 रूपये और किसी को मिली 320 रूपये की राहत

जयपुर, जागरण संवाददाता। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनावी वादे के अनुरूप राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने तीन दिन में 24 लाख किसानों के साढ़े दस हजार करोड़ करोड़ रूपए के कर्ज माफ करने की "किसान कर्ज माफी योजना " शुरू की है। इसके लिए तीन दिवसीय शिविर लगाए जा रहे है। शुक्रवार को शिविर के दूसरे दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांचौर में किसानों को कर्ज माफी के प्रमाण-पत्र वितरित किए।

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उधर योजना से छोटे किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है। जोधपुर और दौसा जिलों में किसी किसान के पांच रूपए का कर्ज माफी हुआ तो किसी किसान को 300 रूपए का लाभ मिला है। हालांकि किसानों को 40 हजार से 1लाख रूपए तक की कर्ज माफी भी की जा रही है। जोधपुर जिले के बोरानाड़ा में एक किसान का 5 रूपये और दौसा जिले के पापड़ा निवासी एक किसान का 320 रूपए का कर्ज भी माफ किया गया है।

प्रमाण-पत्र पर लिखा,हम पिछली सरकार के 6 हजार करोड़ भी दे रहे हैं

जोधपुर जिले की बोरानाडा ग्राम सेवा सहकारी समिति में 157 किसानों का 25 लाख रुपए का कर्ज माफ किया गया। इनमें से 90 किसान ऐसे थे, जिनका कर्ज एक हजार रुपये से भी कम था। इस योजना के तहत किसी का तीन सौ रूपए तो माफ किया गया तो किसी का पांच सौ रुपए का कर्ज माफ किया गया। इस योजना के तहत किसान मुबारक खान का 5.73 रूपए का कर्ज माफ किया गया है। मुबारक खान का जुलाई 2018 में 19 हजार 325 रुपए का कर्ज पहले ही माफ कर दिया गया था ।

इस ऋण माफी के बाद उसके पास केवल 5 रुपए ही शेष बचे थे। इसी तरह दौसा जिले के पापड़दा गांव के किसान रामधन का 320 रूपए का कर्ज माफ किया गया। पापड़दा गांव में अधिकतर किसानों की कर्ज माफी की रकम 300 से पांच हजार रूपए तक है। हालांकि किसान अभी भी खुद को ठगा महसूस कर रहे है। इनके जैसे और किसानों का कहना है कि जिन लोगों ने अधिक कर्ज ले रखा था,उन्‍हें अधिक फायदा हुआ और जिन्होंने कम कर्ज लिया था उन्हे कम लाभ मिला है।

उल्लेखनीय है कि राज्‍य सरकार ने 30 नवंबर, 2018 के बाद अधिकतम दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी गुरूवार से उस पर अमल किया जा रहा है। उधर किसान कर्ज माफ के प्रमाण-पत्र के साथ कांग्रेस सरकार राजनीतिक दांव भी खेल रही है। किसानों को दिए जा रहे प्रमाण-पत्र पर लिखा है कि,कर्ज माफी में पिछली सरकार ने जो 8हजार करोड़ रूपए की कर्ज माफी की थी उसमें से 6 हजार करोड़ का वित्तीय भार सरकार वहन करेगी।


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