Ashok Gehlot: 10 माह में 502 में से सिर्फ 12 वादे ही पूरे कर सकी गहलोत सरकार
Ashok Gehlot. सीएम अशोक गहलोत ब्यूरोक्रेसी की कार्यप्रणाली से नाखुश हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को जनघोषणा पत्र के वादों पर तत्काल अमल प्रारंभ कराने के लिए कहा है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने दस माह का कार्यकाल तो पूरा कर लिया, लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा घोषित जनघोषणा पत्र के 502 में से अब तक मात्र एक दर्जन बिंदुओं पर ही अमल हो सका है। सत्ता संभालने के बाद पिछले साल 29 दिसंबर को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में कांग्रेस के जनघोषणा पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाने का निर्णय लिया गया था। गहलोत ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को जनघोषणा पत्र थमाकर घोषणाओं पर बिंदुवार क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी सौंपी।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से भी विभागों की 100 और 300 दिन की कार्ययोजना मांगी। मंत्रियों ने कार्य योजना तो मुख्यमंत्री को सौंप दी, लेकिन चुनाव में किए गए अधिकांश वादों को पूरा करने पर काम अब तक नही हो सका है। सरकार ने अब तक किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता, स्थानीय निकाय चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता जैसे एक दर्जन वादे तो पूरे किए। लेकिन दिल्ली की मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर जनता क्लिनिक खोलने जैसे महत्वपूर्ण वादों पर अब तक अमल नहीं हो सका है।
अब याद आए वादे, ब्यूरोक्रेसी से नाखुश सीएम
सीएम अशोक गहलोत ब्यूरोक्रेसी की कार्यप्रणाली से नाखुश हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को जनघोषणा पत्र के वादों पर तत्काल अमल प्रारंभ कराने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से भी विभागवार घोषणाओं की समीक्षा कर पूरा करने को लेकर कार्ययोजना बनाने के लिए कहा है। लिहाजा अब मंत्री और मुख्य सचिव एक्शन मोड में आ गए हैं। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद मुख्य सचिव ने पांच नवंबर को सभी विभागों के प्रमुख सचिवों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रत्येक घोषणा के क्रियान्वयन को लेकर समय तय किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सरकारी दस्तावेज बने जनघोषणा-पत्र और सीएम की बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए विभागों के सचिवों को टाइमलाइन के साथ एक्शन प्वांइट देने के निर्देश दिए हैं। बजट घोषणाओं पर भी इस बैठक में चर्चा होगी। मुख्य सचिव ने एक परिपत्र जारी कर विभागों के सचिवों से कहा कि जिन कामों की वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है, उन्हें शीघ्रता से पूरा किया जाए।
अब सभी विभागों के मंत्रियों व प्रमुख सचिवों से अब तक वादे पूरे नहीं होने के कारण और भविष्य की योजना के बारे में रिपोर्ट मांगी है। इसके तहत यह पूछा गया है कि जो वादे पूरे नहीं हुए, उन पर कब तक अमल होगा।वर्कआउट की टाइमलाइन क्या होगी, जो काम शुरू हो चुके हैंं वो कब तक खत्म पूरे होंगे। कानूनी अड़चनों वाले मामलों की अलग से जानकारी मांगने के साथ ही अब तक कितने युवाओं को रोजगार दिया गया इस बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई है।
उल्लेखनीय है कि 17 दिसंबर को गहलोत सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। एक साल में जनघोषणा पत्र के वादे और बजट घोषणाओं को कितना हकीकत में बदला गया, यह रिपोर्ट कार्ड आम लोगों के सामने पेश किया जाएगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को संपूर्ण ब्यौरा देने के निर्देश दिए हैं।