गहलोत ने सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारने में बरती जा रही लापरवाही
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारने में बरती जा रही लापरवाही पर राज्य के अधिकांश जिला कलेक्टरों के प्रति नाराजगी जताई है ।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारने में बरती जा रही लापरवाही पर राज्य के अधिकांश जिला कलेक्टरों के प्रति नाराजगी जताई है। गहलोत ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन देने में लापरवाही बर्दास्त नहीं होगी, जो अधिकारी लापरवाही करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि बेहतर पब्लिक सर्विस डिलीवरी सरकार का मुख्य एजेंडा है। उन्होंने कहा कि अब कलेक्टरों सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के वार्षिक मूल्यांकन (एसीआर) का एक आधार पब्लिक सर्विस डिलीवरी रहेगा। गहलोत ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स से सीधा संवाद किया और वृद्धावस्था पेंशन के लंबित केसों के निस्तारण और राजस्थान संपर्क पोर्टल 181 में दर्ज शिकायतों के निस्तारण के समय पर निस्तारण नहीं होने पर 26 जिला कलेक्टर्स को सख्त हिदायत दी है। सीएम ने कहा कि सर्विस डिलिवरी को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में नियमित रूप से मॉनिटिरिंग होगी।
कलेक्टर जिलों में सरकार का चेहरा
सीएम ने कहा कि कलेक्टर जिलों में सरकार का चेहरा है। उन्होंने सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ आमजन को नहीं मिलने पर जयपुर, कोटा, नागौर, बीकानेर, जालौर, जोधपुर, भरतपुर और पाली के जिला कलेक्टर को कड़ी फटकार लगाई है। परफॉर्मेंस के मामले में सबसे खराब रिपोर्ट जयपुर, कोटा, नागौर, बीकानेर, जालोर, जोधपुर, भरतपुर, पाली जिलों की रही।
मुख्यमंत्री ने इन जिलों के जिला कलेक्टरों के रवैये पर नाराजगी जताई और इसके साथ ही शिकायतों के निस्तारण के लिए त्वरित गति से काम करने के दिशा- निर्देश दिए। सात जिला कलेक्टर की रिपोर्ट अच्छी रही। इनमें प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, धौलपुर, चूरू, बाड़मेर और सिरोही जिले शामिल है।
मुख्यमंत्री ने इन जिलों के कलेक्टर को नसीहत देते हुए कहा कि जन शिकायत निवारण में देर न हो इसके लिए या तो उनके पास जो परिवादी आए और वे जो निर्देश दें उस पर तुरन्त कार्यवाही हो या उसे बताया जाए कि काम क्यों नहीं हो सकता।
गहलोत ने कहा कि नि:शुल्क दवा योजना में अनुपलब्धता का कोई शब्द नही होना चाहिए और दवाइयों का एडवांस स्टॉक रहना चाहिए ताकि, जरूरतमंद को मिले तुरंत दवा मिल सके। सीएम ने कहा पात्र और अपात्र कौन है इसकी जांच में समय नहीं गंवाया जाए।
खाद्यान्न आपूर्ति की सुनिश्चित की जाए पेंशन और नरेगा के बजट की कोई कमी नहीं आनी चाहिए। पंचायत चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स का रिपोर्ट कार्ड तलब कर साफ संकेत दिया है कि सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। सरकार का मकसद जनता को गुड गवर्नेंस देने के साथ-साथ जनता की समस्याओं का समय पर निस्तारण करने का है।