Rajasthan: गौतम गंभीर बोले-किक्रेटर और राजनेता नहीं, वर्दी वाले देश के असल हीरो
Rajasthan डबोक स्थित सीआइएसएफ यूनिट में मनाया गया। इस अवसर पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर और सांसद गौतम गंमीर भी मौजूद थे। गंभीर ने जवानों से मोटिवेशनल चर्चा कर जवानों का हौसला बढ़ाया। गंभीर ने कहा कि किक्रेटर और राजनेता नहीं आप वर्दी वाले देश के असली हीरो हैं।
उदयपुर, संवाद सूत्र| Rajasthan: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) का 52वां स्थापना दिवस बुधवार को डबोक स्थित सीआइएसएफ यूनिट में मनाया गया। इस अवसर पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर और सांसद गौतम गंमीर भी मौजूद थे। गंभीर ने जवानों से मोटिवेशनल चर्चा कर जवानों का हौसला बढ़ाया। गंभीर ने कहा कि किक्रेटर और राजनेता नहीं आप वर्दी वाले देश के असली हीरो हैं। इसके साथ ही जवानों से चर्चा में कहा कि खेल के साथ पढ़ाई भी महत्वपूर्ण हैं। इस दौराना डिप्टी कमांडेंट अतुल भनोत्रा, असिस्टेंट कमांडेंट विपुल सैनी, इंस्पेक्टर कृपाल सिंह, जितेंद्र राजोरिया, अतुल कुमार आदि मौजूद थे।
नॉन मेट्रो में पहले नंबर पर एयरपोर्ट, सीआइएसएफ की पैनी सुरक्षा
शहर के सबसे सुरक्षित और संवेदनशील इलाकों में से एक महाराणा प्रताप एयरपोर्ट डबोक परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सीआइएसएफ पर है। महाराणा प्रताप एयरपोर्ट इस बार नॉन मेट्रो एयरपोर्ट की श्रेणी में पहले नंबर पर रहा है। इसमें सीआईएसएफ का भी बड़ा योगदान है। रैंकिंग में सुरक्षा, स्कैनिंग पर फास्ट डिलेवरी के नंबर होते हैं। सीआइएसएफ की वजह से ही एयरपोर्ट को काफी अच्छे नंबर भी मिले हैं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के 184 जांबाजों से जो 24 घंटे मुस्तैदी के साथ एयरपोर्ट परिसर की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। हरदम चौकन्नी नजरें गड़ाए परिसर में तैनात रहते हैं।
1969 में स्थापना, 1983 में सशस्त्र बल का दर्जा मिला
52 साल पहले 10 मार्च 1969 को 2,800 कर्मचारियों की ताकत के साथ भारत की संसद के एक अधिनियम के तहत सीआइएसएफ का गठन किया गया था। 15 जून, 1983 को संसद के एक अन्य अधिनियम द्वारा सीआइएसएफ को बाद में भारतीय गणराज्य का एक सशस्त्र बल बनाया गया। वर्तमान में सीआइएसएफ में करीब 160000 कर्मियों की है।
बंदरगाहों, मेट्रो, सरकारी भवनों, विरासत स्मारकों की सुरक्षा का भी जिम्मा
सीआइएसएफ एयरपोर्ट, बंदरगाहों, मेट्रो रेल नेटवर्क, सरकारी भवनों, विरासत स्मारकों (ताजमहल और लाल किला सहित), परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, भारतीय मुद्रा का उत्पादन करने वाले करेंसी नोट प्रेस और अंतरिक्ष प्रतिष्ठानों सहित 300 औद्योगिक इकाइयों, सरकारी अवसंरचना परियोजनाओं और सुविधाओं और प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवच प्रदान करता है। यह वीआईपी सुरक्षा के साथ-साथ आपदा प्रबंधन में भी माहिर है। यह सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।