Gandhi Darshan Corner: राजस्थान के सरकारी हाई स्कूलों में बनेंगे गांधी दर्शन कॉर्नर
Gandhi Darshan Corner राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में भी गांधी अध्ययन केंद्र शुरू होंगे। जिन यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पहले से गांधी अध्ययन केंद्र बने थे जो पिछली सरकार ने बंद कर दिए थे उन्हें फिर से शुरू किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Gandhi Darshan Corner: राजस्थान के सरकारी हाई स्कूलों में अब गांधी दर्शन कॉर्नर बनाए जाएंगे। इनमें स्कूली स्टूडेंट्स को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जीवनी और उनसे जुड़े इतिहास के बारे में बताया जाएगा। शहीद दिवस पर शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वर्चुअल कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में भी गांधी अध्ययन केंद्र शुरू होंगे। उन्होंने कहा कि जिन यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पहले से गांधी अध्ययन केंद्र बने थे, जो पिछली सरकार ने बंद कर दिए थे, उन्हें फिर से शुरू किया जाएगा। गहलोत ने प्रदेश में बने अहिंसा और शांति प्रकोष्ठ को जल्द ही विभाग में बदलने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि देश में राजस्थान पहला राज्य है, जहां सरकार में अंहिसा व शांति प्रकोष्ठ बना हुआ है। उन्होंने कहा कहा कि गांधी जी की जीवनी से नई पीढ़ी को अवगत कराना होगा। नई पीढ़ी आजादी के नायकों को नहीं जानती। नई पीढ़ी को आजादी के इतिहास के बारे में बताना जरूरी है। गहलोत ने कहा कि गांधी जी की जीवनी की प्रासंगिक आज के दौर में बढ़ गई है। अब जब देश का माहौल ऐसा हो, जिसमें विरोधी विचार वालों को देशद्रोही करार दिया जाता हो, ऐसे में गांधी जी के जीवन का प्रचार-प्रसार जरूरी है।
राजस्थान सरकार ने शनिवार को ''आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना'' लागू की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गहलोत ने इस योजना के नए फेज का लोकार्पण किया। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना एक सितंबर, 2019 से चल रही है। अब गहलोत सरकार ने नए प्रावधानों के साथ इसे नया नाम देकर रिलांच किया है। प्रदेश के एक करोड़ 10 लाख परिवार इस योजना से लाभान्वित होंगे। योजना के तहत बीमा राशि बढ़ाई गई है। आयुष्मान भारत के तहत बीमा राशि 3.30 लाख सालाना थी, इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया गया है। इस योजना के तहत सामान्य बीमारियों के लिए 50 हजार और गंभीर बीमारियों के लिए पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा। योजना में सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों को भी अटैच किया गया है।