राजस्थान में चौथा टाइगर रिजर्व बनेगा, सरकार एनटीसीए को भेजेगी प्रस्ताव, टाइगर पर मिशन-2030
टाइगर पर राजस्थान का मिशन-2030 राजस्थान में टाइगर कंजर्वेशन अब तेजी से काम होगा। प्रदेश में चौथा नया टाइगर रिजर्व बनाने को लेकर कसरत तेज हो गई है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में टाइगर कंजर्वेशन अब तेजी से काम होगा। प्रदेश में चौथा नया टाइगर रिजर्व बनाने को लेकर कसरत तेज हो गई है। यह टाइगर रिजर्व बूंदी जिले में रामगढ़, हिंडोली, डाबी व कालंदा के जंगलों में बनाया जाएगा। नया रिजर्व 1 लाख 17 हजार 104 हैक्टेयर का बनेगा।
नये टाइगर रिजर्व बनाने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। आगामी विधानसभा सत्र में इसे मंजूरी मिलेगी और फिर केंद्रीय बाघ प्राधिकरण (एनटीसीए) में अनुमति के लिए भेजा जाएगा। राज्य के वनमंत्री सुखराम विश्नोई का कहना है कि चौथा टाइगर रिजर्व बनाने को लेकर काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर सहमति दे दी, पूरी योजना बना ली गई है। उम्मीद है शीघ्र ही यह बन जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व रणथंभौर है, जिसका बफर जोन 17 हजार 977.8 हैक्टेयर है। बूंदी जिले में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में 8 गांव आ रहे हैं, जिनमें करीब 5 हजार लोग रह रहे हैं।
बूंदी जिले में बनने वाले नये टाइगर रिजर्व को लेकर वैसे तो पिछले साल से प्रयास शुरू हो गए थे, लेकिन रणथंभौर में बाघों के लिए पड़ती कम जगह को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों ने लॉकडाउन के दौरान अध्ययन किया। अधिकारियों ने चौथा टाइगर रिजर्व शीघ्र तैयार करने को लेकर वन विशेषज्ञों से भी चर्चा की है। प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में मेज नदी है, जिसमें पूरे वर्ष पानी रहता है। इससे वन्यजीवों को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा यहां बीहड़, कंदराएं, पहाड़ी, मैदानी क्षेत्र व नाले हैं जो टाइगर के विचरण के लिए बेहतर माने जाते हैं।
टाइगर कंजर्वेशन पर मंथन तेज
राज्य सरकार ने प्रदेश में टाइगर कंजर्वेशन पर मंथन तेज कर दिया है। अधिकारियों ने इस बारे में टाइगर विशेषज्ञों के साथ चर्चा की है। पिछले दिनों जयपुर में टाइगर कंजर्वेशन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। इसमें टाइगर कंजर्वेशन के सामने मौजूदा चैलेंज खत्म कर प्रदेश में टाइगर कंजर्वेशन को लेकर साल, 2030 तक का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर रोडमैप बनाया गया।
इस डाक्यूमेंट में वन विभाग के अफसरों ने विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर टाइगर और इंसानों के टकराव को रोकने पर अपनी सिफारिशें रखीं, साथ ही टाइगर टूरिज्म को आम जनता के लिए ज्यादा रोजगार देने वाला और टाइगर सहित दूसरे जंगली जानवरों के लिए कम कम इंसानी दखल वाला बनाने पर जोर दिया गया।
विशेषज्ञों के साथ चर्चा के बाद टाइगर कंजर्वेशन के लिए तैयार किए गए डॉक्यूमेंट को विजन 2030 नाम दिया गया है। इसमें रणथंभौर,सरिस्का और मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के मैनेजमेंट को बेहतर बनाने को लेकर कई तथ्य शामिल किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में रणथंभौर,सरिस्का एवं मुकुंदरा तीन टाइगर रिजर्व हैं ।