Move to Jagran APP

राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ के हालात, ग्रामीणों को बचाने के लिए पहुंची सेना

राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए है। कई गांव बाढ़ की चपेट में आकर टापू बनकर रह गए हैं। बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को बचाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 12:30 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 12:30 PM (IST)
राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ के हालात, ग्रामीणों को बचाने के लिए पहुंची सेना
राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ के हालात, ग्रामीणों को बचाने के लिए पहुंची सेना

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए है। कई गांव बाढ़ की चपेट में आकर टापू बनकर रह गए हैं। बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को बचाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। छह जिलों बारां, प्रतापगढ़, चित्तौडगढ, कोटा, बूंदी और झालावाड़ में शुक्रवार को स्कूलों में अवकाश की घोषणा कर दी गई है।

loksabha election banner

48 घंटों के दौरान जमकर बारिश

राजस्थान के दक्षिणी पूर्वी जिलों में बीते 48 घंटों के दौरान जमकर बारिश हुई है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में हो रही बारिश का पानी भी नदियों के जरिए राजस्थान की ओर आ रहा है। इसके चलते कोटा, बूंदी, झालावाड़ जिले में बारिश से बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। भारी बारिश के चलते निचली बस्तियां जलमग्न हो गई हैं।

कालीसिंध नदी का पानी झालावाड़ शहर तक पहुंच गया। वहीं प्रतापगढ़ में पिछले तीन दिन से बारिश जारी है। बारां में लगातार बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर हैं। गुरुवार को एक यात्री बस सड़क पर बरसाती पानी के बीच काफी देर तक भर फंसी रही।

350 लोगों के हुये रेस्क्यू

कोटा के कैथून कस्बे में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। यहां बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए गुरुवार को सेना की मदद लेनी पडी। सेना की 50 जवानों की दो टुकड़ियां कैथून में बचाव कार्य में लगी हुई है। अब तक 350 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रेस्क्यू किया जा चुका है। कस्बे के स्कूल और धर्मशालाओं में लोगों को 2500 खाने के पैकेट बांटे गए हैं।  

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

पढे; जैसलमेर पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, थलसेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने किया स्वागत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.