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चेन्नई से लाई गई उदयपुर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान के लिए मादा टाइगर

सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में शुक्रवार को एक अलग ही चहल-पहल नजर आईं। वन विभाग की टीम चैन्नई जू से मादा टाइगर एवं भेडि़यों के जोड़े को लेकर पहुंची। सात सदस्य टीम एक सप्ताह पहले उदयपुर से चैन्नई के लिए रवाना हुई थी।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 03:46 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 03:46 PM (IST)
चेन्नई से लाई गई उदयपुर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान के लिए मादा टाइगर
चेन्नई से लाई गई उदयपुर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान के लिए मादा टाइगर

उदयपुर, संवाद सूत्र। सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में शुक्रवार को एक अलग ही चहल-पहल नजर आईं। वन विभाग की टीम चैन्नई जू से मादा टाइगर एवं भेडि़यों के जोड़े को लेकर पहुंची। केन्द्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी समस्त निर्देशों का पालन करते हुए उपरोक्त जानवरों को राशन, पानी एवं दवाइयां मार्ग में दी गई। सात सदस्य टीम एक सप्ताह पहले उदयपुर से चैन्नई के लिए रवाना हुई थी। 

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कुछ साल पहले रणथंभौर अभयारण्य से टाइगर टी—24 को यहां लाया गया था, जो उस्ताद नाम से प्रसिद्ध था। रणथंभौर से उदयपुर के बॉयोलॉजिकल पार्क में उसे भेजने पर वन्यजीव प्रेमियों ने आंदोलन तक किया था। उसे यहां मादा बाघ दामिनी के साथ जोड़ा बनाने के लिए लाया गया था लेकिन एक हमले में उसने दामिनी की जान ले ली थी। उसके बाद उदयपुर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में मादा बाघ नहीं बची। 

21 दिन का क्वारेंटिन 

उप वन संरक्षक (वन्यजीव) अजीत ऊंचोई ने बताया कि मादा टाइगर एवं भेडि़ये के जोड़े को 21 दिन तक क्वारेंटिन में रखा जाएगा। जिसमें अन्य प्राणियों को कोई इन्फेक्शन नहीं फैले एवं नये जानवर भी जैविक उद्यान सज्जनगढ़ के माहौल एवं वातावरण में अपने आप को ढाल सके। विद्या की उम्र 8 वर्ष है एवं वह बिल्कुल स्वस्थ है। क्वारेंटिन अवधि के बाद इनको आम जनता के लिए डिस्प्ले में छोड़ा जाएगा।

दामिनी के बाद आई विद्या  इससे पहले सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में मादा टाइगर दामिनी थी, अब विद्या के रूप में लंबे अर्से बाद मादा टाइगर वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र साबित होगी। केन्द्रीय प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा एनीमल एक्सचेंज की स्वीकृति उपरांत अरिगनर अन्ना जूलोजिकल पार्क चैन्नई से इन्हें लाने के लिए उप वन संरक्षक वन्यजीव, उदयपुर द्वारा एक सात सदस्यों की टीम गठित की गई, जिसमें वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. हंसराज जैन, वनपाल विनोद कुमार तंवर, द्वारका प्रसाद शर्मा, सहायक वनपाल रामसिंह पंवार, वाहन चालक जिनेन्द्र चुण्डावत, गिरधारी सिंह एवं सुरेश कुमार थे।


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