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राजस्थान के उदयपुर जेल में महिला कैदी ने दिया बेटी को जन्म, जेलर ने नाम दिया लक्ष्मी

हत्या के मामले में विचाराधीन महिला कैदी पनकी पिछले पांच महीनों से जेल में है। रात उसे प्रसव पीड़ा होने पर एमबी अस्पताल के पन्नाधाय महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उसने बेटी को जन्म दिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 11:03 AM (IST)
राजस्थान के उदयपुर जेल में महिला कैदी ने दिया बेटी को जन्म, जेलर ने नाम दिया लक्ष्मी
हत्या के मामले में विचाराधीन महिला कैदी पनकी पिछले पांच महीनों से जेल में है।

उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में केन्द्रीय कारागृह की महिला जेल की विचाराधीन कैदी ने बुधवार को अस्पताल में बेटी को जन्म दिया। उसके नवजात के साथ जेल लौटने पर जेल प्रशासन ने स्वागत करते हुए कन्या का नामकरण 'लक्ष्मी' के रूप में किया।

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हत्या के मामले में विचाराधीन महिला कैदी पनकी पिछले पांच महीनों से जेल में है। मंगलवार रात उसे प्रसव पीड़ा होने पर एमबी अस्पताल के पन्नाधाय महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उसने बेटी को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा के स्वस्थ्य होने पर उसे छुट्टी दे दी गई और बुधवार शाम को ही वापस जेल भेज दिया गया। यहां जेल में नवजात के साथ लाए जाने पर महिला कैदियों ने पनकी और उसकी बेटी का धूमधाम से स्वागत किया और विधि विधान के साथ उनकी पूजा की। इस दौरान जेलर मानसिंह बारेठ मौजूद थे।

जेल प्रशासन ने नवजात कन्या का नामकरण किया और उसे 'लक्ष्मी' नाम दिया। जेलर मानसिंह कहते हैं कि जेल में बेटी का आगमन लक्ष्मी के समान था। पनकी परिजनों को भी इसकी सूचना दी गई है। जेल में पनकी और उसकी बेटी लक्ष्मी के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा और इसके लिए विशेष एहतियात बरते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हत्या के मामले में राजसमंद जिला पुलिस ने पनकी को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 120 बी में केलवाड़ा थाना पुलिस चालान पेश कर चुकी है।

कपड़ा प्रेस करने वाले ने दिया ईमानदारी का परिचय

चित्तौड़गढ़ जिल के बेगूं कस्बे में कपड़े प्रेस करने वाले एक दुकानदार ने ईमानदारी का परिचय दिया है। उसके यहां दिनेश कुमार आंचलिया ने कपड़े प्रेस करने दिए थे। प्रेस करते हुए एक पेंट में साढ़े नौ हजार रुपए के नोट निकले। दुकानदार नारायण धोबी ने कपड़ा मालिक को तत्काल फोन किया और बताया कि उनकी पेंट से नोट निकले हैं और उन्हें वह लौटाने उनके घर पहुंचा। दिनेश कुमार ने नारायण की ईमानदारी से खुश होकर उन्हें नकद इनाम देना चाहा लेकिन नारायण से साफ इंकार कर दिया। 


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