Rajasthan: एसीबी की जांच में दो आइएएस अधिकारियों के खिलाफ मिले भ्रष्टाचार के सबूत
Rajasthan एसीबी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि राजस्थान कौशल व आजीविका निगम के चेयरमैन आइएएस अधिकारी नीरज के पवन और प्रदीप कुमार कुमार गवडे लंबे समय से युवाओं को प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं से रिश्वत ले रहे थे।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) लगातार भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों का खुलासा कर रही है। वहीं, इसी क्रम में वरिष्ठ आइएएस अधिकारी नीरज के पवन और प्रदीप कुमार गवडे फिर भ्रष्टाचार के मामलों से घिरते जा रहे हैं। करीब तीन साल पहले आठ माह तक जेल में रहने वाले पवन के खिलाफ एसीबी की एक और जांच शनिवार से शुरू हुई है। एसीबी का मानना है कि राज्य में जिन अधिकारियों पर युवाओं को ट्रेनिंग देकर रोजगार मुहैया कराने का जिम्मा था, वह खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। एसीबी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि राजस्थान कौशल व आजीविका निगम (आरएसएलडीसी) के चेयरमैन आइएएस अधिकारी नीरज के पवन और प्रदीप कुमार कुमार गवडे लंबे समय से युवाओं को प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं से रिश्वत ले रहे थे।
युवाओं से भी प्रशिक्षण संस्थान में प्रवेश लेने के लिए पैसों की वसूली की जा रही थी
अब दोनों आइएएस अधिकारियों के खिलाफ एसीबी को कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। रविवार को हुई जांच में सामने आया कि पवन जिन जिलों में कलेक्टर रहे, वहीं अपने मित्रों और रिश्तेदारों के नाम से जमीनों की खरीद-फरोख्त की थी। जोधपुर, अजमेर, पुष्कर, जयपुर और सवाई माधोपुर जैसे पर्यटन स्थलों पर पवन बेनामी संपतियों के मालिक हैं। गवडे तो हर पोस्टिंग के दौरान विवादों में रहे हैं। एसीबी की टीम रविवार को दिनभर पवन और गवडे के ठिकानों की जांच में जुटी रही।
ऐसे पकड़ में आए
एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि शिकायत मिली थी कि एक फर्म ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना में काम किया था। इसके बदले उसे आरएसएलडीसी से डेढ़ करोड़ का भुगतान मिलना था, लेकिन आरएसएलडीसी के मैनेजर राहुल गर्ग और कोर्डिनेटर अशोक सांगवान को पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी। शिकायतकर्ता के पास पैसे नहीं थे तो बिल पास नहीं किया और उसकी फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया। आखिरकार शिकायतकर्ता ने अपनी कार बेचकर पांच लाख रुपये की रकम जुटाई। तय योजना के अनुसार, शनिवार को वह गर्ग और सांगवान को पैसे देने पहुंचा।
इससे पहले उसने एसीबी को सूचना दी। शिकायतकर्ता ने जैसे ही पैसे गर्ग और सांगवान को दिए, तो एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पवन और गवडे की भूमिका सामने आई। इस कारण जोधपुर दौरे पर गए पवन को रास्ते में रोक कर पवन का मोबाइल जब्त किया गया। गवडे जयपुर स्थित अपने आवास पर नहीं मिले तो उन्हें शहर के एक इलाके में रोका गया। गवडे का मोबाइल भी जब्त किया गया। एसीबी की टीम ने आरएसएलडीसी के जयपुर के झालाना एरिया में स्थित दफ्तर को सील कर दिया। आरएसएलडीसी अलग-अलग ट्रेनिंग संस्थानों से युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिलवाकर रोजगार का प्रबंध करती है।