Udaipur Lockdown Update : उदयपुर के व्यापारी नहीं चाहते कि हर रविवार को लागू हो लॉकडाउन
जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक सप्ताह उदयपुर में हर रविवार तथा रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन के जारी आदेश को उदयपुर के व्यापारी उचित नहीं मानते।
उदयपुर। कोरोना महामारी को लेकर जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक सप्ताह उदयपुर में हर रविवार तथा रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन के जारी आदेश को उदयपुर के व्यापारी उचित नहीं मानते। विरोध में उन्होंने गुरुवार को अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। विभिन्न व्यापारी मंडल के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा से मुलाकात की और अपनी पीड़ा बताई।
इधर, जिला कलेक्टर देवड़ा का कहना है कि बड़े नुकसान से शहर और शहरवासियों को बचाने के लिए कड़े निर्णय लेने पड़े हैं। शिथिलता फिलहाल संभव नहीं है। इसी के मद्देनजर पिछले सप्ताह प्रत्येक रविवार के साथ रात आठ से लेकर अगले दिन सुबह पांच बजे तक पूर्ण लॉकडाउन के आदेश जारी किए गए थे और पुलिस प्रशासन को निगाह रखने को कहा था।
प्रतिष्ठान बंद रखे तथा बापू बाजार में प्रदर्शन
उदयपुर के आधा दर्जन से अधिक व्यापारी मंडलों ने गुरुवार को अपने प्रतिष्ठान बंद रखे तथा बापू बाजार में एकत्रित होकर प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्टर के पास पहुंचे। इनमें प्रमुख रूप से होटल तथा रेस्टारेंट से जुड़ा व्यापारी मंडल, हेयर कटिंग, मीट-मुर्गा बेचने वाले, बेकरी व्यापारी शामिल थे। जिनका कहना था कि कोरोना महामारी के चलते पहले से उनकी आय दस फीसदी से भी कम रह गई। जब से अनलॉक शुरू हुआ, उस दौरान रविवार को पचास फीसदी से अधिक बिक्री होती थी। रविवार को नए सिरे से जारी लॉकडाउन के चलते उनका धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है।
अपना खर्चा तक नहीं निकाल पा रहे व्यापारी
रेस्टारेंट एवं होटल व्यापार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि रविवार को सबसे अधिक बिक्री रहने के साथ उनके व्यापार का पीक टाइम रात आठ बजे से शुरू होता है। वह चाहते हैं कि रात आठ बजे से लॉकडाउन जारी करने की बजाय दो घंटे बाद इसे लागू किया जाना चाहिए। इसके चलते वह बेहद परेशान हैं। यहां तक वह अपना खर्चा तक नहीं निकाल पा रहे हैं।
कोई ओर दिन कर लिया जाए तो बेहतर होगा
हेयर कटिंग कारोबार से जुड़े अशोक पालीवाल का कहना है कि सप्ताह में आने वाले ग्राहकों में से रविवार को पचास फीसदी से अधिक लोग आते थे। वह महामारी के दौरान लॉकडाउन का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि सभी व्यापारियों की इच्छा है कि रविवार की जगह कोई अन्य दिन का चुनाव लॉकडाउन के लिए कर लिया जाए तो बेहतर होगा। इसी तरह रात आठ बजे की बजाय दस बजे बाद प्रतिदिन का लॉकडाउन रहे तो रेस्टारेंट संचालकों को नुकसान नहीं होगा।
इधर, जिला प्रशासन से स्पष्ट कर दिया है कि ज्यादातर व्यापार संघ रविवार को ही अपने प्रतिष्ठान बंद रखते हैं। ऐसे में लॉकडाउन के लिए दूसरे दिन का चुनाव उचित नहीं।