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Rajasthan: 13 जिलों में नियुक्त होंगे आपदा मित्र, जयपुर में बनेगा आपात परिचालन केंद्र

Emergency Operation Center. राजस्थान में हर दूसरे वर्ष अकाल की स्थिति बनती है।बारिश के दिनों में नदी नाले उफान पर आने और लोगों के फंसने की सूचनाएं भी आती रहती हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 06:08 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 06:08 PM (IST)
Rajasthan: 13 जिलों में नियुक्त होंगे आपदा मित्र, जयपुर में बनेगा आपात परिचालन केंद्र
Rajasthan: 13 जिलों में नियुक्त होंगे आपदा मित्र, जयपुर में बनेगा आपात परिचालन केंद्र

जयपुर, जेएनएन। Emergency Operation Center. राजस्थान में बाढ़, अकाल, भूकंप और अन्य आपदाओं के समय लोगों को राहत पहुंचाने के लिए आपदा राहत विभाग को मजबूत किया जा रहा है। इसके तहत जयपुर में राज्यस्तरीय आपात परिचालन केंद्र शुरू किए शुरू किए जाने के अलावा 13 जिलों में आपदा मित्र नियुक्त करने और हर जिले को एक-एक ड्रोन देेने का निर्णय किया गया है। यह निर्णय आपदा राहत की राज्यस्तरीय समिति की बैठक में लिए गए।

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राजस्थान में हर दूसरे वर्ष अकाल की स्थिति बनती है। इसके साथ ही बारिश के दिनों में नदी, नाले उफान पर आने और लोगों के फंसने की सूचनाएं भी आती रहती हैं। इसी तरह की अन्य आपदाओं से निपटने के लिए राज्य आपदा राहत बल काम कर रहा है। इसके साथ ही हर जिले में आपदा राहत के लिए अलग प्रकोष्ठ है और सिविल डिफेंस की टीमें भी आपदा के समय सहयोग करती हैं। अब इसी तर्ज आपदा मित्र भी बनाए जाएंगे। ये आपदा मित्र पहले 13 जिलों में बनाए जाएंगे।

यह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा देश के 350 जिलों में लागू की जा रही आपदा मित्र योजना का हिस्सा है। इसके तहत राजस्थान के 13 जिलों अजमेर, अलवर, बीकानेर, भरतपुर, जालोर, जोधपुर, जयपुर, झालावाड़, कोटा, नागौर, पाली और सिरोही में आपदा मित्र बनाए जाएंगे। ये स्वयंसेवक होंगे, जो सिविल फिडेंस के स्वयंसेवको की तरह ही काम करेंगे। इन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी और आपदा मित्र स्वयंसेवक बनने के बाद आपदा रेस्पोंडर किट भी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से दिया जाएगा।

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को हुई इस बैठक में जयपुर में शासन सचिवालय में राज्यस्तरीय आपात परिचालन केंद्र को विकसित करने का निर्णय भी किया गया। अभी यह केंद्र चल तो रहा है, लेकिन इसमें आधुनिक सुविधाओं की जरूरत है। इसके लिए 15.14 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

बैठक में यह सामने आया कि आपदा के समय आपदा राहत फोर्स को सही जगह पहुंचने में समय लगता है और आपदा किस स्तर की है। इसका अंदाजा भी सही ढंग से नहीं लग पाता। इसी तरह आपदा राहत के काम की माॅनिटरिंग भी जरूरी होती है। इन सब जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी जिलों को एक-एक ड्रोन उपलब्ध कराया जाएगा। यह एडवांस ड्रोन कैमरा पूरे आपदा स्थल पर नजर रखेगा और विभिन्न राहत-बचाव अभियान में रेसक्यू टीम को संपर्क मार्ग बाधित होने पर अन्य मार्ग से पहुचने का रास्ता और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएगा।

प्रदेश में प्राकृतिक आपदा और वर्षा जनित आपदाओं से निपटने के लिए राज्य आपदा राहत बल को भी मजबूत किया जाएगा। इसके लिए सरकार इस बल को आठ करोड़ 66 लाख रुपये देगी। इस राशि से आपदा के समय काम आने वाले हाईटेक उपकरण खरीदे जाएंगे और इस बल से जुड़े लोगों का प्रशिक्षण कार्यक्रम और बेहतर किया जाएगा। इसके अलावा करीब ढ़ाई करोड़ रुपये खर्च कर पीडब्ल्यूडी, वन विभाग, आयुर्वेद, चिकित्सा व स्वास्थ्यकर्मियों को भी आपदा से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। बैठक में औद्योगिक इलाकों में आग बुझाने के लिए दस दमकल की गाड़ियों की खरीद करने का निर्णय भी किया गया। 

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