Rajasthan : पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव बताएंगे कितनी मजबूत है कांग्रेस की जमीन
कोरोना महामारी के दौरान राजस्थान चुनावों के दौर से गुजर रहा है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव बताएंगे कितनी मजबूत है कांग्रेस की जमीन गहलोत सरकार के कामकाज पर भी मुहर लगेगी। ग्राम पंचायतों के चुनाव चल रहे हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के दौरान राजस्थान चुनावों के दौर से गुजर रहा है। ग्राम पंचायतों के चुनाव चल रहे हैं। वहीं अब जिला परिषद् और पंचायत समितियों के चुनाव होने हैं। लगभग इनके साथ-साथ ही जयपुर, जोधपुर और कोटा के 6 नगर निगमों के साथ ही 129 अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव भी प्रस्तावित हैं।
ग्राम पंचायत चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं होते हैं, लिहाजा इन चुनावों में कौन सी पार्टी का दबदबा रहा और कौन सी का नहीं इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि दोनों पार्टियां अपने-अपने हिसाब से दावे करती हैं। लेकिन पंचायती राज संस्थाओं में पंचायत समिति प्रधान व जिला प्रमुख पदों के चुनाव पार्टी सिंबल पर होते हैं इसलिये कांग्रेस और भाजपा समेत अन्य पार्टियों का भी फोकस इन्हीं चुनावों पर ज्यादा रहता है। इन चुनावों के परिणाम एक तरह से सरकार के कामकाज पर पॉजिटिव और नगेटिव मुहर लगाने का काम करते हैं। निकट भविष्य में होने वाले इन चुनाव में कई फैक्टर जहां राज्य सरकार के पक्ष में हैं, वहीं कई इसके लिये नकारात्मक भी साबित हो सकते हैं।
ये फैक्टर कांग्रेस सरकार के पक्ष में रहेंगे
अब तक का ट्रेंड रहा है कि आमतौर पर पंचायती चुनाव में सत्ताधारी पार्टी का ही दबदबा रहता आया है । लोग विकास की उम्मीद में सत्ताधारी पार्टी को ही निकाय और पंचायत चुनाव में वोट करते रहे हैं । सरकार का अभी 3 साल से ज्यादा का कार्यकाल सामने पड़ा है । विकास के काम मौजूदा सरकार के द्वारा ही करवाए जाएंगे, इसलिए कांग्रेस के पक्ष में समीकरण बनने की संभावना ज्यादा रहती है । ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस का परम्परागत वोट है । इस कारण पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में यह फैक्टर कांग्रेस के पक्ष में जाता है । कृषि कानूनों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस भाजपा को घेर रही है।
ये फैक्टर कांग्रेस को कर सकते हैं नुकसान
कांग्रेस की गुटबाजी कम होने के बजाय बढ़ी है इसका नुकसान होने की संभावना है। सचिन पायलट की बगावत और वापसी के बाद अब ग्रास रूट स्तर तक कांग्रेस में विभाजन हो गया है । इसका नुकसान पंचायती राज चुनावों में होगा ।टिकट वितरण के बाद खेमों में बंटी कांग्रेस में बगावत और उससे नुकसान होने की संभावना है । बेरोजगार युवा सरकार से नाराज चल रहे हैं । स्थानीय राजनीति और स्थानीय समस्याओं के कारण भी कांग्रेस को कई जगह नुकसान हो सकता है । पंचायत राज चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहने से सरकार के परशेप्शन पर सवाल उठेंगे और भाजपा इसे मुद्दा बनाएगी ।