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त्रिपुरा सुंदरी राजस्थान यहां दिन में तीन बार बदलता है मां का स्वरूप, नवरात्र में दर्शन का विशेष महत्व

बांसवाड़ा के तलवाड़ा स्थित माता त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर त्रिपुरा सुंदरी नाम से विख्यात इस शक्ति पीठ पर प्रधानमंत्री मोदी से लेकर कई राजनीतिक हस्तियां दर्शन के लिए आ चुके हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 11:23 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 11:23 AM (IST)
त्रिपुरा सुंदरी राजस्थान यहां दिन में तीन बार बदलता है मां का स्वरूप, नवरात्र में दर्शन का विशेष महत्व
त्रिपुरा सुंदरी राजस्थान यहां दिन में तीन बार बदलता है मां का स्वरूप, नवरात्र में दर्शन का विशेष महत्व

उदयपुर, सुभाष शर्मा। देश की प्रमुख शक्तिपीठों में से एक उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा जिले में मौजूद है। त्रिपुरा सुंदरी नाम से विख्यात इस शक्ति पीठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई राजनीतिक हस्तियां दर्शन के लिए आ चुके हैं। माता के दिन में तीन बार स्वरूप बदलने के चलते इसका नाम त्रिपुरा सुंदरी पड़ा। इस मंदिर के निर्माण को लेकर ऐतिहासिक लेख तो नहीं मिलते लेकिन यहां मिले शिलालेख से पता चलता है कि सम्राट कनिष्क के काल से पहले ही यह मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र था।

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नवरात्र में माता त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन का विशेष महत्व है। बांसवाड़ा जिले से करीब बीस किलोमीटर दूर तलवाड़ा गांव में अरावली पर्वतमालाओं के बीच माता त्रिपुरा सुंदरी का भव्य मंदिर मौजूद है। सिंंहवाहिनी मां भगवती त्रिपुरासुंंदरी की मूर्ति अष्टदश (अठारह) भुुजाओं वाली है। पांच फीट ऊंंची मूर्ति मेेंं माता दुर्गा के नौ रूपों की प्रतिकृृतियां अंकित हैै।

माता के सिंह, मयूर और कमलासीनी होने के कारण यह दिन में तीन रूपों को धारण करती हुई प्रतीत होती है। जिसमें प्रात:कालीन बेला में कुमारिका, मध्यान्ह में यौवना और सायंकालीन वेला में प्रौढ़ रूप में मां के दर्शन होती है। माता की इसी विशिष्टता के चलते इसे त्रिपुरा सुंदरी कहा जाने लगा। यहां राजस्थान ही नहीं, गुजरात और मध्यप्रदेश के श्रद्धालु बड़ी संख्या में माता के दर्शन करने आते हैं।

माता की प्रतिमा का सौन्दर्य, शृंगार और आभा इतना आकर्षित करने वाला है कि दर्शनार्थी घंटों तक निहारते रहते हैं। इस मंदिर के निर्माण को लेकर कोई प्रामाणिक लेख नहीं मिलता है लेकिन मंदिर प्रांगण में विक्रम संवत

1540 का एक शिलालेख मिला है। जिसमें त्रिऊरारी शब्द का उल्लेख है। जिसके चलते यह माना जाता है कि तीन दुर्गों के बीच देवी मां का स्थान। इस माता के त्रिपुरा होने का एक आधार भी यह माना जाता है। त्रिऊरारी को लेकर ग्रंथों में मिले उल्लेख से लोगों का यह मानना है कि जहां माता त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर है उसके आसपास गढ़पोली नामक महासागर हुआ करता था। जहां सीतापुरी, शिवपुरी तथा विष्णुपुरी नामक तीन दुर्ग हुआ करते थे और इन्हीं त्रिऊरारी का स्थानक था जो अब माता त्रिपुरा सुंदरी कहा जाता है। 

त्रिऊरारी यानी माता त्रिपुरा सुंदरी ने ही शुंभ और निशुंभ जैसे राक्षसों का वध किया था। त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन के लिए गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान के लगभग सभी राजनीतिक हस्तियां पहुंच चुकी है। जिसमें मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। इसीलिए यहां विशेष रूप से हवाई पट्टी भी बनवाई गई।


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