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Haryana assembly Polling: हरियाणा विधानसभा चुनाव के कारण राजस्थान में रहेगा ड्राई डे

Haryana assembly polls हरियाणा विधानसभा चुनाव के कारण राजस्थान के सात जिलों में सूखा दिवस (ड्राई डे) घोषित किया गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 03:34 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 04:41 PM (IST)
Haryana assembly Polling:  हरियाणा विधानसभा चुनाव के कारण राजस्थान में रहेगा ड्राई डे
Haryana assembly Polling: हरियाणा विधानसभा चुनाव के कारण राजस्थान में रहेगा ड्राई डे

जयपुर, जागरण संवाददाता। हरियाणा विधानसभा चुनाव के कारण राजस्थान के सात जिलों में सूखा दिवस (ड्राई डे) घोषित किया गया है। हरियाणा से सटे राजस्थान के अलवर, भरतपुर, सीकर, झुंझुनूं, चुरू, जयपुर और हनुमानगढ़ जिलों की तीन किलोमीटर की सीमा क्षेत्र में 19 अक्टूबर की शाम छह बजे से 21 अक्टूबर की शाम छह बजे तक सूखा दिवस घोषित किया गया है। इसको लेकर वित्त विभाग के संयुक्त सचिव ने सोमवार को आदेश जारी किए है। इसके अलावा पुर्नमतदान की स्थिति में उस दिन भी सूखा दिवस रहेगा।

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उल्लेखनीय है कि हरियाणा में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने है। इसके तीन दिन बाद 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आएगा। मतदान के दिन से 48 घंटे पहले मतदान वाले राज्य और सीमावर्ती इलाकों में सूखा दिवस रहता है। राज्य के आबकारी विभाग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को देखते हुए अवैध शराब की तस्करी पर भी सख्त निगरानी शुरू की है। इसके लिए आबकारी आयुक्त विष्णु चरण मलिक ने सभी जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिए है। 

जानकारी के अनुसार देश में चल रही पीएम नरेंद्र मोदी की लहर और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 समाप्त किए जाने के बाद से कांग्रेस को स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में नुकसान होने का भय सता रहा है। कांग्रेस को लगता है कि लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक देश में पीएम मोदी के पक्ष में माहौल होने के साथ ही अनुच्छेद-370 समाप्त किए जाने का भाजपा को राजनीतिक लाभ हो रहा है। इसी के चलते गहलोत मंत्रिमंडल ने सोमवार को प्रदेश के 7 नगर निगम के महापौर, 34 नगर पालिकाओं और 164 नगरपरिषदों के सभापतियों के चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराने का निर्णय लिया है ।

अब तक इन पदों के लिए आम जनता सीधे वोट देती थी,लेकिन अब पार्षद ही महापौर एवं सभापति का चुनाव करेंगे। गहलोत सरकार ने यह निर्णय करने से पहले पार्टी विधायकों एवं जिला कांग्रेस अध्यक्षों की राय मांगी थी। इनमें से अधिकांश ने अप्रत्यक्ष चुनाव कराने में पार्टी को लाभ होने की बात कही। 


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