Rajasthan: जोधपुर में नशीली व प्रतिबंधित दवाई बरामद
Rajasthan राजस्थान में चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जोधपुर के सरदारपुरा थाना क्षेत्र के अमरदीप कॉम्प्लेक्स में बने एक गोदाम में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। यहां पर दो लोगों से विभागीय पूछताछ जारी है।
जोधपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान में जोधपुर के सरदारपुरा इलाके में बने गोदाम पर जयपुर ड्रग कंट्रोलर और चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग जोधपुर की टीम ने छापा मारकर नशीली व प्रतिबंधित दवाइयों की खेप को पकड़ा है। प्रतिबंधित दवाइयों की कीमत 43 लाख रुपये अनुमानित मानी गई है। चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जोधपुर के सरदारपुरा थाना क्षेत्र के अमरदीप कॉम्प्लेक्स में बने एक गोदाम में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। जहां दो लोगों से विभागीय पूछताछ जारी है। जयपुर से आई ड्रग कंट्रोलर विभाग की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर आशीष और सीएमएचओ डॉ बलवंत मंडा की मौजूदगी में आज सरदारपुरा क्षेत्र में अमरदीप कॉम्पलेक्स के नजदीक स्थित रेटसमा फार्मास्कूटियल लिमिटेड के गोदाम पर छापा मारकर बड़ी संख्या में प्रतिबंधित दवाइयों की खेप पकड़ी है।
अधिकारियों के अनुसार, मौके पर नशीली दवाइयों के साथ-साथ गर्भनिरोधक के लिए प्रतिबंधित दवाइयां भी पाई गई हैं। इसके अलावा फार्म के मालिकों द्वारा दवाइयों के बिल भी उपलब्ध नहीं करवाए जा सके हैं। चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा इस पर उनके पास संबंधित दवाइयों के संकलन और स्टॉक के लिए किसी प्रकार का लाइसेंस भी नहीं हैं। जिसको लेकर विभाग में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई होना बताया है। वही, प्रतिबंधित नशीली दवाइयों और गर्भ धारण को रोकने के लिए काम में आने वाली दवाइयों की भी बड़ी संख्या में खेप मिली है। जिसको लेकर गोदाम के लोगों से चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, मौके पर पाई गई इन दवाइयों की कीमत तकरीबन 43 लाख के करीब है। टीम द्वारा अवैध दवाइयां सीज कर इस मामले में गोदाम संचालक श्रवण व अनिल जोशी से पूछताछ की जा रही है।
जोधपुर के चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बलवंत मण्डा के मुताबिक, एनडीपीएस एक्ट के तहत जोधपुर में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिबंधित दवाइयों का जखीरा सामने आया है।इनपुट्स के आधार पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। पूछताछ लगातार जारी है। अभी तक फर्म संचालकों की ओर से इन दवाइयों के संबंध में लाइसेंस भी नहीं लिया गया है।