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जोधपुर एम्स के चिकित्सकों ने कटे हाथ को जोड़ा, मरीज पूर्व की भांति कर सकेगा काम

मरीज के हाथ पर मशीन के गिर जाने से वह शरीर से कटकर पूरी तरह अलग हो गया था जिसके बाद अनुभवी चिकित्सकों ने 10 घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद हाथ को पुनः शरीर से जोड़ दिया है। मरीज पूर्णत स्वस्थ और उसका हाथ भी काम कर रहा है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 11:09 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 11:09 AM (IST)
जोधपुर एम्स के चिकित्सकों ने कटे हाथ को जोड़ा, मरीज पूर्व की भांति कर सकेगा काम
जोधपुर एम्स के चिकित्सकों ने कटे हाथ को जोड़ा

जोधपुर, रंजन दवे। जोधपुर स्थित एम्स में पूर्ण रूप से कटे हाथ को जोड़ने में सफलता अर्जित की है। मरीज के हाथ पर मशीन के गिर जाने से वह शरीर से कटकर पूरी तरह अलग हो गया था जिसके बाद अनुभवी चिकित्सकों की दो टीमों ने 10 घंटे के जटिल ऑपरेशन करने के बाद हाथ को पुनः शरीर से जोड़ दिया है। मरीज पूर्णत स्वस्थ और उसका हाथ भी काम कर रहा है।

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प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सह आचार्य डॉ . प्रकाश चन्द्र काला ने बताया कि एम्स जोधपुर में पूर्ण रूप से कटे हुए हाथ को जोड़ने में सफलता मिली है। 5 जनवरी 2021 को इम्तियाज नामक व्यक्ति जब फैक्ट्री में काम कर रहा था , उसी समय उसके दायें हाथ पर काम के दौरान मशीन गिर गयी । मशीन गिरने से पुरा दांया हाथ कलाई तक शरीर से अलग हो गया । फैक्ट्री में काम करने वाले साथी कटे हुए हाथ के साथ तुरन्त उसको एम्स के आपातकालीन विभाग में लेकर आये । यहां पर प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा मरीज को चेक किया गया। चूंकि इस तरह के मरीजों में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है अतः मरीज को तुरन्त आपरेशन थियेटर में शिफ्ट किया गया।

इम्तियाज को शाम 6 बजे के आसपास अस्पताल में लाया गया था, जिसके बाद आपातकाल इकाई में ही प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने दो टीम बनाकर दोनों हिस्सों की साफ सफाई की एवं महत्वपूर्ण हिस्सों की पहचान की गई। इसके बाद आर्थोपेडिक सर्जन द्वारा हड्डी को जोड़ा गया। हड्डी फिक्स होने के बाद प्लास्टिक सर्जरी शुरू की गयी। यह ऑपरेशन करीब 10 घण्टे चला।

चिकित्सकों ने बताया कि सबसे पहले खून की नसों को आपस में पुनः जोड़ा गया था जिसके बाद खून का दौरा स्थापित किया गया। खून का दौरा स्थापित होना सुनिश्चित होने के बाद बाकी महत्वपूर्ण हिस्सों को जैसे नर्व , टेन्डन इत्यादि को जोड़ा गया ।इस तरह के ऑपरेशन काफी जटिल होते है।संपूर्ण प्रक्रिया पूरी होने के बाद चिकित्सकों की एक दल द्वारा मरीज को लगातार ऑब्जर्वेशन पीरियड में रखा गया और उसके हाथ की संपूर्ण गतिविधियों पर नजर रखी गई। चिकित्सकों ने विश्वास जतााया है कि भविष्य में मरीज का हाथ सामान्य तरह से काम कर पाएगा।

ये रहे टीम के सदस्य :

विभिन्न विशेषज्ञों से जुड़ी इस टीम में प्लास्टिक सर्जरी टीम मे डॉ प्रकाश चन्द्र काला , डॉ . पवन दीक्षित , डॉ . दीप्ती , डॉ . अनिकेत , डॉ . सौरभ , डॉ . सुरेश शामिल थे। वहीं , आर्थोपेडिक टीम में डॉ . सुमित बनर्जी , डॉ . जसवन्त एवं एनेस्थिशिया में डॉ . स्वाति एवं डॉ . रक्षा ने योगदान दिया। नर्सिंग स्टॉफ में प्रवीण , दिनेश ने योगदान दिया । मरीज स्वस्थ है और भविष्य में मरीज अपने हाथ से सामान्य रूप से कार्य कर पाएगा।


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