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Industries In Rajasthan: राजस्थान में बड़े उद्योग लगाने पर मिल सकती छूट, 700 करोड़ के पैकेज का प्रस्ताव

Industries In Rajasthan राजस्थान में अभी छोटे उद्योगों को तीन वर्ष तक सरकार से किसी तरह की अनुमति लेेने की जरूरत नहीं है और इस नियम का बड़ा फायदा राजस्थान को मिला है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 04:51 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 04:51 PM (IST)
Industries In Rajasthan: राजस्थान में बड़े उद्योग लगाने पर मिल सकती छूट, 700 करोड़ के पैकेज का प्रस्ताव
Industries In Rajasthan: राजस्थान में बड़े उद्योग लगाने पर मिल सकती छूट, 700 करोड़ के पैकेज का प्रस्ताव

राज्य ब्यूरो, जयपुर। industries in Rajasthan. राजस्थान में अब बड़े उद्योग लगाने पर विभिन्न तरह की सरकारी मंजूरियों और निरीक्षणों से छूट मिल सकती है। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु, मध्य व उद्योगों सहित सभी उद्योगों को विभिन्न योजनाओ में 700 करोड़ का पैकेज भी मिल सकता है। राजस्थान सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में यह सिफारिशें की है।

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लाॅकडाउन के बाद ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने जो पैकेज घोषित किया था, उसका अधिकाधिक फायदा उठाने के बारे में सुझाव देेन के लिए राजस्थान सरकार ने दो जून को अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया था। इस टास्क फोर्स ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में सबसे बड़ी बात यह है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़े उद्योगों की जरूरत होगी और उन्हें आकर्षित करने के लिए आरंभिक वर्षों में राज्य के विभिन्न एक्टों के तहत प्राप्त की जाने वाली स्वीकृतियों और निरीक्षणों से मुक्त रखा जाना चाहिए।

गौरतलब है कि राजस्थान में अभी छोटे उद्योगों को तीन वर्ष तक सरकार से किसी तरह की अनुमति लेेने की जरूरत नहीं है और इस नियम का बड़ा फायदा राजस्थान को मिला है। अब इसी तरह का प्रावधान बड़े उद्योगों के लिए भी किया जा सकता है। ऐसा होता है तो पर्यावरण, भूमि उपयोग परिवर्तन और श्रम संबंधी कई कानूनों से बड़े उद्योगों को छूट मिल सकती है।

दरअसल, राजस्थान सरकार भी अन्य राज्यों की तरह चीन से बाहर जा रही कंपनियों को अपने यहां आकर्षित करने की जुगत में लगी है। इसी के लिए दो दिन पहले राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और अन्य अधिकारियों ने यूरोपियन युनियन के देशों के दूतावासों और उद्यमियों से बातचीत की थी। इस बातचीत में चेक गणराज्य, डेनमार्क, इटली, स्विट्जरलैंड, बुल्गारिया, बेल्जियम आदि देशों के फार्मास्युटिकल, एग्रो प्रोडक्ट, फर्टिलाइजर्स, सीमेंट, स्किल डेवलपमेंट, पावर, टूरिज्म जैसे विभिन्न क्षेत्रों की 30 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया था। इस बातचीत में भी मुख्य सचिव ने राजस्थान में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रयासों के बारे में बताया था और मौजूदा मुद्दों के तेजी से निपटान का भी आश्वासन भी दिया था और यह भी बताया था कि राज्य सरकार द्वारा फास्ट-ट्रैक मंजूरी के लिए वन-स्टॉप शॉप के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

700 करोड़ का पैकेज

सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स ने लाॅकडाउन से प्रभावित उद्योगों को 700 करोड़ का पैकेज देने की सिफारिश भी की है। यह पैकेज ऋण किश्तों में ब्याज छूट व समयावधि बढ़ोतरी, उद्योगों के विद्युत शुल्क की माफी राज्य जीएसटी में छूट आदि के रूप में दिया जाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना में अनुदानित ब्याज पर आधे प्रतिशत अनुदान की बढ़ोतरी, 10 एकड़ तक कृषि भूमि के औद्योगिक उपयोग के लिए भू संपरिवर्तन की छूट जैसी सिफारिशें भी की गई है।

पर्यटक गाइडों आदि को 4500 रुपये की नकद सहायता

टास्क फोर्स ने पर्यटन व्यवसाय पर विशेष जोर दिया है और सरकार की निवेश प्रोत्साहन योजना में अन्य उद्योगों को दी जा रही रियायतें पर्यटन क्षेत्र को भी देने की सिफारिश की हैं। इसके अलावा लॉक डाउन अवधि में पर्यटन स्थलों के पंजीकृत गाइड्स, नेचर गाइड्स, ऊंट व जीप सफारी चालकों, ऊंट गाड़ी मालिकों व स्थानीय लोक कलाकारों को तीन माह तक 1500 रुपये प्रतिमाह उनके बैंक खाते में डलवाने की सिफारिश भी की गई है।


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