Rajasthan: पत्नी को स्कूल में पोषाहार बनाने के काम से हटाया तो पति ने शिक्षक पर किया जानलेवा हमला
हमलावर की पत्नी को स्कूल में पोषाहार बनाने के काम से हटा दिया गया था इसी का बदला लेने के लिए महिला के पति ने यह हमला किया।
जयपुर। राजस्थान के दौसा जिले में एक शिक्षक पर जानलेवा हमले की घटना सामने आई हैं। हमलावर की पत्नी को स्कूल में पोषाहार बनाने के काम से हटा दिया गया था, बताया जा रहा है कि इसी का बदला लेने के लिए महिला के पति ने यह हमला किया। धारदार हथियार से हुए जानलेवा हमले में गंभीर घायल टीचर को दौसा से जयपुर रैफर कर दिया।
जानकारी के अनुसार हमले में घायल टीचर रामनिवास मीना है जो वह महवा तहसील के मचान का पुरा गांव के सरकारी स्कूल में टीचर है। इसी स्कूल में हिमलेश मीणा पोषाहार बनाने का काम करती थी। जुलाई माह में शिकायतों के चलते हिमलेश को रामनिवास मीना ने काम से हटा दिया। हिमलेश का पति हुकुम सिंह दिल्ली में कुली है। उसने टीचर रामनिवास मीना को पत्नी को हटाने की बात पर धमकियां दी थी।
बताया जा रहा है कि गुरूवार को आरोपी हुकुम सिंह स्कूल आया और बातचीत के बहाने रामनिवास को क्लास से बाहर बुलाया। रामनिवास और हुकुम सिंह के बीच कहासुनी हो गई। इसके बाद हुकुम सिंह ने कपड़ों में छिपा रखे धारदार हथियार से रामनिवास पर हमला कर दिया। हुकुम सिंह घटनास्थल से भाग निकला। स्कूल कर्मचारियो ने रामनिवास को संभाला। पुलिस को सूचना दी। इसके बाद रामनिवास को अस्पताल पहुंचाया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जयपुर भेज दिया गया।
प्रदेश में बालवाहिनी के चालक और सहायकों का पुलिस सत्यापन जरूरी
प्रदेश में अब सरकारी स्कूलों की तर्ज पर गैर सरकारी स्कूलों में संचालित बाल वाहिनी चलाने वाले चालक एवं सहायकों का पुलिस सत्यापन आवश्यक कर दिया गया है। इसके दायरे में राज्य के सभी निजी स्कूल आएंगे, भले ही वह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड या इंटरनेशनल बोर्ड के जरिए संचालित हो।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, बीकानेर की ओर से जारी आदेशानुसार बच्चों को स्कूल पहुंचाने वाले बस चालकों और सहायकों का पुलिस सत्यापन आवश्यक कर दिया गया है। इसके लिए विभाग ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि वह प्रदेश के सभी स्कूलों को पाबंद कराए ताकि उनके स्कूल की बालवाहिनी के चालक और सहायकों का पुलिस सत्यापन प्राथमिकता से कराएं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार केन्द्रीय मानव संसाधन विभाग के मिले निर्देशानुसार तथा रोड सेफ्टी को लेकर प्रदेश के गृह मंत्रालय के आदेश के बाद यह सुनिश्चित किया गया है।