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कश्मीर में मारे गए ट्रक चालक का आया शव, परिजनों ने की शहीद का दर्जा देने की मांग

कश्मीर के शोपियां में आतंकियों का शिकार बने भरतपुर के ट्रक चालक शरीफ का शव बुधवार सुबह उसके गांव पहाडी पहुंचा परिजनो ने उसका शव लेने से मना कर दिया और शहीद का दर्जा देने कहा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 01:12 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 01:12 PM (IST)
कश्मीर में मारे गए ट्रक चालक का आया शव, परिजनों ने की शहीद का दर्जा देने की मांग
कश्मीर में मारे गए ट्रक चालक का आया शव, परिजनों ने की शहीद का दर्जा देने की मांग

जयपुर, जेएनएन। कश्मीर के शोपियां में आतंकियों का शिकार बने भरतपुर के ट्रक चालक शरीफ का शव बुधवार सुबह उसके गांव पहाडी पहुंचा, हालंकि ग्रामीणों और परिजनो ने उसका शव लेने से मना कर दिया और प्रशासन के सामने शरीफ को शहीद दर्जा देने, 50 लाख रुपये मुआवजा देने और आश्रित को सरकारी नौकरी देने जैसी मांग रख दी।

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शव जेैसे ही यहां आया ग्रामीणों ने मांग को लेकर हाइवे तक जाम कर दिया। प्रशासन ने समझा कर जाम खुलवाया। शव अभी पहाडी अस्पताल के शवगृह में रखा है। परिजनों ने हालांकि मंगलवार शाम को ही प्रशासन के अधिकारियों को अपनी मांग का ज्ञापन दे दिया था, लेकिन शव आने पर अब शव लेने से भी मना कर दिया। प्रशासन फिलहाल परिजनों से बात करने की कोशिश कर रहा है।

कश्मीर में सोमवार को सेब की गाड़ी लेकर आते हुए चालक शरीफ की आंतकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी तथा ट्रक को जला दिया। शरीफ के परिवार में पिता नूर मोहम्मद, माता जामिदा और पत्नी तथा तीन बेटियां है। 

कश्मीर में मारे गए भरतपुर के ट्रक चालक के गांव में पसरा सन्नाटा

राजस्थान में भरतपुर जिले के मेवात इलाके के ट्रक चालक शरीफ खान की जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सोमवार रात हुई इस घटना की सूचना मिलते ही मंगलवार को पूरे मेवात इलाके विशेषकर मृतक शरीफ खान के गांव उभाका में सन्नाटा पसर गया। 

पूरे गांव में नहीं जला चूल्हा नहीं जला

भरतपुर जिले में पहाड़ी पुलिस थाना क्षेत्र के उभाका गांव के किसी भी घर में मंगलवार को चूल्हा नहीं जला। बच्चों तक ने भोजन नहीं किया। मेव मुस्लिम ही नहीं, आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोग भी मृतक शरीफ खान के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे। राजस्थान ही नहीं बल्कि हरियाणा के मेवात इलाके से भी लोग उभाका गांव पहुंचे। शरीफ खान तीन बेटियों को पिता था। उसके सबसे बड़ी बेटी 15 साल की और सबसे छोटी 6 साल की है। शरीफ खान के चाचा अयूब खान ने बताया कि परिवार का घर-खर्च चलाने की जिम्मेदारी उसी की थी। तीन बेटियों के अलावा बुर्जुग माता-पिता और एक बहन भी उसके परिवार में है। अब परिवार का पालन-पोषण ही मुश्किल होगा । इंदिरा आवास योजना के तहत पिछले दिनों ही उसका घर बना है। शरीफ खान हरियाणा के एक ट्रांसपोर्टर के यहां नौकरी करता था।

जानकारी के अनुसार मृतक शरीफ खान जम्मू-कश्मीर के सिंधु श्रीमाल गांव में सेब लेने गया था । इसी बीच दो आतंकियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। शरीफ खान अपने एक अन्य साथी के साथ ट्रक में सेब की पेटियां रखवा रहा था,इसी बीच आतंकियों ने उस पर गोलियां चला दी,जिससे उसकी मौत हो गई। हरियाणा निवासी उसका साथी मौका देखकर फरार हो गया। शरीफ खान की मौत की खबर मिलते ही मंगलवार सुबह पांच बजे ही लोग उसके में एकत्रित होने लग गए। परिवार के पांच सदस्य शव लेने जम्मू-कश्मीर रवाना हुए। भरतपुर जिला कलेक्टर जोगाराम ने उपखंड अधिकारी को भेजकर लोगों को समझाने का प्रयास किया।


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