Rajasthan: डीबी गुप्ता मुख्य सूचना आयुक्त बने, नारायण व शीतल सूचना आयुक्त नियुक्त
Rajasthan डीबी गुप्ता को प्रदेश का मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है। गुप्ता वर्तमान में मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं। वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ व पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की भतीजी शीतल धनखड़ को सूचना आयुक्त बनाया गया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को प्रदेश का मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है। गुप्ता वर्तमान में मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं। वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ व पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की भतीजी शीतल धनखड़ को सूचना आयुक्त बनाया गया है। राज्य सरकार ने तीनों की नियुक्ति को लेकर पिछले दिनों राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजा था। राज्यपाल द्वारा शुक्रवार को मंजूरी देने के बाद राजभवन से आदेश जारी हुए हैं। तीन जुलाई, 2020 में उनको मुख्य सचिव पद से हटाकर मुख्यमंत्री के सलाहाकार पद पर लगाया था। मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए 135 दावेदार आए थे, जिसमें बड़ी संख्या में सेवानिवृत अफसरों ने आवेदन किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बनी कमेटी की बैठक में सभी नामों पर विचार करते हुए गुप्ता के नाम पर सहमति बनी थी।
इधर, राजस्थान सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव में राज्य की महिला नीति पिछले छह साल से लागू नहीं हो सकी है। महिला नीति का ड्राफ्ट तो तैयार हो गया, लेकिन मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिलने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका है। राज्य महिला आयोग ने महिला संगठनों एवं कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार कर तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार को सौंप दिया था। लेकिन तब से लेकर अब तक महिला नीति लागू नहीं हो सकी है। मौजूदा अशोक गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही महिलाओं के अधिकारों एवं सुरक्षा को लेकर नीति तैयार करने की बात कही थी, लेकिन अब तक इस लिहाज से कोई काम नहीं हो सका।
महिला नीति का ड्राफ्ट राज्य महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष सुमन शर्मा के नेतृत्व में तैयार किया गया था। राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व चेयरमैन श्रीमती ममता शर्मा ने प्रदेश में महिला नीति बनाए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि राज्य सरकार को शीघ्र निर्णय कराने का प्रयास करना चाहिए। ममता शर्मा का कहना है कि महिला अधिकारों को लेकर आयोग को पहले से अधिक अधिकार दिए जाने की जरूरत है। वहीं महिला संगठनों की प्रतिनिधियों के अनुसार महिला नीति के ड्राफ्ट में महिलाओं के अधिकार, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला हिंसा के साथ ही महिलाओं के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण तथा विधिक मामलों जैसे बिन्दुओं को शामिल किया गया था।