राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था चरमराई,165 हड़ताली चिकित्सक गिरफ्तार
इधर सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने वाले 560 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करते हुए,नए डॉक्टर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ।
जयपुर, [जागरण संवाददाता] । राजस्थान के सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के चलते प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। अस्पतालों के हाल बेहाल हो गए। चिकित्सकों के साथ ही सोमवार से रेजीडेंट डॉक्टरों के भी हड़ताल पर जाने से मरीजों की देखरेख अब नर्सिंग स्टाफ के भरोसे ही रह गई। हालांकि सरकार के बढ़ते दबाव और गिरफ्तारी के भय से कुछ डॉक्टर सोमवार को काम पर लौटे।
चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा है कि जो डॉक्टर काम पर आना चाहते है,उन्हे पूरी सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी ।नर्सिंग स्टाफ मरीजों को जबरन छुट्टी देकर घर भेज रहे हैं । चिकित्सकों की हड़ताल के चलते अब तक दो मरीजों की मौत हो चुकी है । सरकार ने सख्ती करते हुए आवश्यक सेवा अधिनियम (रेस्मा ) लागू कर अब तक 165 चिकित्सकों को गिरफ्तार किया है ।
हड़ताली डॉक्टरों को पकड़ने के लिए पुलिस उनके घर एवं अन्य ठिकानों पर दबीश दे रही है। गिरफ्तारी के भय से डॉक्टर अंडरग्राउंड हो गए । सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए सेना और प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों की मदद ले रही है । प्राइवेट मेडिकल यूनिर्वसिटज से जुड़े अस्पतालों में नि:शुल्क आउटडोर शुरू किया गया है । हड़ताल के चलते जयपुर स्थित राज्य के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में हालात काफी खराब हो गए । देखभाल नहीं होने से मरीज काफी परेशान हो रहे हैं । सोमवार को यहां से कई मरीजों को परिजनों ने प्राइवेट अस्प्तालो में शिफ्ट किया । इलाज में देरी के कारण रविवार को दो मरीजों की मौत हो गई ।
जानकारी के अनुसार करौली में एक मरीज बालक सड़क दुर्घटना में घायल हो गया,परिजन उसे अस्पताल ले गए लेकिन वहां चिकित्सक के हड़ताल पर होने के कारण उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाया और उसकी मौत हो गई । करौली में ही एक युवक बाइक से गिरकर घायल हो गया,उसने भी समय पर उपचार नहीं मिल पाने के कारण दम तोड़ दिया। इधर सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने वाले 560 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करते हुए,नए डॉक्टर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ।
मंत्री बोले : हड़ताल गैर कानूनी,सख्ती से निपटेंगे
प्रदेश के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने सोमवार को फिर कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल गैर कानूनी है । हड़ताली डॉक्टरों से सख्ती से निपटा जाएगा । डॉक्टर बंदूक की नोक पर अपनी मांगें मनवाना चाहते है,जो संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने डॉक्टरों की अधिकांश मांगे मान ली,कुछ अन्य मांगों पर निर्णय प्रक्रिया में है ।
चिकित्सक बोले: सरकार कर रही बरूखी
सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ.अजय चौधरी का कहना है कि सरकार डॉक्टरों के साथ अन्याय कर रही है । सरकार ने पिछले हड़ताल के दौरान जो समझौते हुए थे,वे लागू नहीं किए । वहीं अब एसोसिएशन में सक्रिय चिकित्सकों के तबादले किए जा रहे हैं ।
चिकित्सकों की मांग
हड़ताली चिकित्सक चाहते हैं कि चिकित्सा विभाग में प्रशासनिक पदों से राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को हटाकर चिकित्सकों को लगाया जाए। इसके साथ ही आईएएस अधिकारी के समान वेतनमान एवं अन्य सुविधाएं दी जाए । हड़ताली चिकित्सकों के तबादले निरस्त किए जाएं।चिकित्सक एक दर्जन मांगों को लेकर कई बार सरकार को ज्ञापन भी दे चुके हैं ।