Rajasthan: महिला अत्याचार में लिप्त पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिए आदेश
Rajasthan जोधपुर एडवा ने राजस्थान में महिलाओं पर बढ़ते लैंगिक हमलों के खिलाफ राज्यपाल महिला आयोग व मानवाधिकार आयोग को ज्ञापन भेज महिला सुरक्षा की गुहार लगाई। एडवा की जिलाध्यक्ष नेहा के मेघवाल ने कहा कि राजस्थान में अपराधियों में पुलिस और कानून व्यवस्था का डर खत्म हो गया हैं।
जागरण संवाददाता,जयपुर! राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुसूचित जाति,जनजाति और महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के मामलों में जांच त्वरित गति से पूरी करने के निर्देश दिए हैं । महिलाओं व कमजोर वर्गों के खिलाफ अत्याचार में अधिकारियों व पुलिसकर्मियों के शामिल होने पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय से लेकर थाना स्तर तक मदद की जानी चाहिए । मुख्यमंत्री शनिवार को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ले रहे थे ।
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला पुलिस अधीक्षकों से भी चर्चा की । गहलोत ने पुलिस अधिकारियों को बिना किसी दबाव के भयमुक्त होकर काम करने व पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के निर्देश दिए । महिलाओं के खिलाफ अपराध,दलित व कमजोर वर्गाों के खिलाफ अत्याचार के प्रकरणों को रोकने के लिए मुख्य सचिव,पुलिस महानिदेशक व गृह विभाग के प्रमुख सचिव को लगातर मॉनिटरिंग करनी चाहिए ।
अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर लंबे समय तक एक ही स्थान पर ड्यृटी करने वाले अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को बदलने के भी निर्देश सीएम ने दिए । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस थानों में सभी मामलों के पंजीकरण करने के निर्देश दिए,इससे प्रकरणों की संख्या में तो बढ़ोतरी हुई,लेकिन लोगों को न्याय भी मिला । सीएम ने मादक पदार्थों की तस्करी रोकने,माफिया एवं संगठित अपराधों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी करने जैसे विषयों पर पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए ।
महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया
Jodhpur News: अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) ने राजस्थान में आए दिन हो रही सामने महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान को रेपिस्ट स्थान बनने के लिए मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराया हैं। जोधपुर एडवा ने राजस्थान में महिलाओं पर बढ़ते लैंगिक हमलों के खिलाफ राज्यपाल, महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग को ज्ञापन भेज महिला सुरक्षा की गुहार लगाई है। एडवा की जिलाध्यक्ष नेहा के मेघवाल ने कहा कि राजस्थान में अपराधियों में पुलिस और कानून व्यवस्था का डर खत्म हो गया हैं। राजस्थान में थानों, अस्पतालों, कार्यालयों और घरों में कहीं ही महिलाओं सुरक्षित नहीं रही हैं।
पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से अमानवीय घटनाएं सामने आईं हैं, वह हमारे सभ्य समाज के लिए कलंक हैं। हाल ही के दिनोंं में नाबालिक मासूम बालिकाओं के साथ हुए दुराचार और यौन हिंसा के मामलों को लेकर एडवा सरकारी तंत्र को जिम्मेदार मानाा है। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) का शिष्टमण्डल शुक्रवार को एडीएम जोधपुर से मिला और मुख्यमंत्री, राज्यपाल, महिला आयोग व मानवाधिकार आयोग के नाम ज्ञापन सौंपे। एडवा ने सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों व जनसंगठनों से भी मुखर हो कर महिलाओ के मुद्दों पर लड़ने की अपील की है।
एबीवीपी ने किया प्रदर्शन
जोधपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा प्रदेश में दिनों-दिन बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बढ़ते अपराधों के खिलाफ कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया गया। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान नारेबाजी की और मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने सांकेतिक धरना देकर राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। एबीवीपी की तरफ से राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिलाओं पर लगातार बढ़ते अत्याचारों, हत्याएं, दुष्कर्म आदि के मामलों को लेकर प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि राजस्थान में कोटा की 15 साल की एक नाबालिग से 20 से ज्यादा लोगों ने दुष्कर्म किया था। पुलिस नेे 18 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया, इनमें 4 नाबालिग हैं। नाबालिग पीड़िता को 25 फरवरी को उसके दो परिचित बैग दिलाने के बहाने झालावाड़ लेकर गए थे। वहां ले जा कर दोनों ने अलग-अलग 20 लोगों को सौंप दिया, जिन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता को जबरन नशे की गोलिया दी गई, उसके साथ कई बार मारपीट की गई। लगातार 9 दिन तक दुष्कर्म करने के बाद दोनों परिचित उसे वापस 5 मार्च कोटा छोड़ गए थे। अगले दिन 6 मार्च को पीड़िता की मां ने रामगंज मंडी पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया। इससे पहले पीड़िता के भाई ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर लगाए, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। मामला बढ़ने पर पुलिस ने मां की रिपोर्ट दर्ज की।