बांसवाड़ा के दंपती ने अनाथ बच्चों को मिली सहायता राशि के एक लाख रुपए ठगी कर निकाले, पुलिस ने किया गिरफ्तार
बैंक से पता चला कि उनके पैसे किसी भरत नाई और रेखा बाई ने चेक के जरिए निकाले हैं जिन पर सभी बच्चों के अंगूठे लगे हुए थे। पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सभी छह भाई-बहन अनपढ़ हैं तीन भाई बहन मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं।
उदयपुर, संवाद सूत्र। बांसवाड़ा में किराने की दुकान संचालित करने वाले कारोबारी ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर अनाथ बच्चों को श्रम विभाग से मिली सहायता राशि में से एक लाख रुपए ठगी कर निकाल लिए। मामले खुलने पर पुलिस ने आरोपी दंपती को गिरफ्तार कर लिया।
मिली जानकारी के अनुसार बांसवाड़ा जिले के सागवाड़ा में किराने की दुकान के संचालक भरत नाई औरउसकी पत्नी रेखाबाई को गिरफ्तार किया गया है। इस दंपती ने रानीबिली-फलातेड़ गांव के अनाथ बच्चों को श्रम विभाग से मिली दो लाख रुपए की सहायता राशि में से एक लाख दो हजार रुपए निकाल लिए थे।
बताया गया कि रानीबिली फलातेड़ गांव के लवजी अंगारी की आठ साल पहले मौत हो गई थी। दो साल पहले उसकी पत्नी कुरबाई की भी बीमारी के चलते मौत हो गई थी। इसके चलते उनके छह बच्चे अनाथ हो गए थे, जिनमें बीस वर्षीया प्रियंका सबसे बड़ी तथा आठ साल का नरेश सबसे छोटा है। प्रियंका एक सितम्बर को पैसों की जरूरत पड़ने पर बैंक पहुंची तो पता चला कि उनको मिली सहायता राशि में से एक लाख दो हजार रुपए (दो हजार रुपए ब्याज को मिलाकर) निकाले जा चुके हैं, जबकि बाकी एक लाख रुपए की एफडी पहले ही की जा चुकी थी। जिससे प्रियंका पैसे नहीं निकाल पाई।
बैंक से पता चला कि उनके पैसे किसी भरत नाई और रेखा बाई ने चेक के जरिए निकाले हैं, जिन पर सभी बच्चों के अंगूठे लगे हुए थे। प्रियंका ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सभी छह भाई-बहन अनपढ़ हैं और तीन भाई बहन मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं। किराने के दुकानदार भरत नाई और उनकी पत्नी रेखा ही उन्हें बैंक लाई थी और उनका खाता खुलवाया था। बाद में उन्होंने बैंक से चैक बुक भी ली थी और सभी चैक पर सभी भाई-बहनों के अंगूठे लगवा लिए थे। पुलिस ने मामले की जांच कर ठगी के आरोपी दंपती को गिरफ्तार कर लिया।