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coronavirus: स्कूल-कॉलेजों की परीक्षाएं स्थगित, रेल गाड़ियां निरस्त, अदालतों का कामकाज अटका

Coronavirus के फैलाव से बचाव के लिए सरकारों की ओर से उठाए जा रहे ऐहतियातन कदमों के तहत राजस्थान में स्कूल व कॉलेजों की परीक्षाएं आगामी आदेशों तक स्थगित कर दी हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 08:23 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 08:23 PM (IST)
coronavirus: स्कूल-कॉलेजों की परीक्षाएं स्थगित, रेल गाड़ियां निरस्त, अदालतों का कामकाज अटका
coronavirus: स्कूल-कॉलेजों की परीक्षाएं स्थगित, रेल गाड़ियां निरस्त, अदालतों का कामकाज अटका

अजमेर,जेएनएन। coronavirus कोरोना वायरस के फैलाव से बचाव के लिए केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से उठाए जा रहे ऐहतियातन कदमों के तहत राजस्थान में स्कूल व कॉलेजों की परीक्षाएं आगामी आदेशों तक स्थगित कर दी गई है। वहीं रेलगाड़ियों में घटते यात्रीभार को देखते हुए उन्हें निरस्त कर दिया गया है। अदालतों में भी काम काज प्रभावित बना हुआ हैं। अब दिन में ही अदालतों में सुनवाई होगी। इधर, ऐतिहासिक पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल मंदिर आदि में भीड़ होने को रोकने के मद्देनजर लोगों के प्रवेश को रोक दिया गया हैं, आरती व अन्य रस्में नियमित जारी हैं। धारा 144 के लागू होने से अनेक सामाजिक संगठनों ने अपने उत्सवों व सामूहिक भोजन व सत्संग कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।

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जानकारी के अनुसार राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने आगमी आदेशों तक बोर्ड की दसवीं व बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। इसके बोर्ड के उपनिदेशक जनसम्पर्क राजेन्द्र गुप्ता ने सूचना जारी कर बताया कि परीक्षार्थियों को परीक्षा की आगामी तिथियों के बारे में यथा समय अवगत करा दिया जाएगा। गौरतलब है कि बोर्ड की 10 वीं और 12 की परीक्षाओं में प्रदेश के करीब 20 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। वहीं परीक्षा की उत्तरपुस्तितकाओं के संग्रहण और वितरण एवं मूल्यांकन कार्यों में हजारों कार्मिक तैनात है।

इधर महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति प्रो आर पी सिंह ने राज्यसरकार के आदेशों की पालना में सभी परीक्षाएं आगामी 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है। परीक्षा की नवीन तिथि से समय रहते अवगत कराया जाएगा।

ये रेलगाड़ियां रद्द

कम यात्री भार के कारण रेल प्रशासन द्वारा अजमेर मंडल से संबंधित इन रेलसेवाओं को इनके प्रारंभिक स्टेशनों  से रद्द कर दिया गया है।

गाडी सं. 19329 इंदौर.उदयपुर  20 मार्च 20 से 31मार्च20 तक रद्द, गाडी सं. 19330 उदयपुर.इंदौर 21 मार्च 20 से 01 अप्रेल 20 तक रद्द, गाड़ी सं. 19411 अहमदाबाद.अजमेर 20 मार्च 20 से 23 मार्च 20 एवं 25 मार्च 20 से 31 मार्च 20 तक रद्द, गाडी सं, 19412 अजमेर.अहमदाबाद 21 मार्च 20 से 24 मार्च 20 एवं 26 मार्च 20 से 01 अप्रेल 20 तक रद्द, गाडी सं 19667 उदयपुर.मैसूर 23 मार्च 20 एवं 30 मार्च 20 तक रद्द, गाडी सं 19668 मैसूर.उदयपुर 26 मार्च 20 एवं 02 अप्रेल 20 तक रद्द, गाडी सं 22985 उदयपुर.दिल्ली सराय 21 मार्च 20 एवं 28 मार्च 20 को रद्द, गाडी सं 22986 दिल्ली सराय.उदयपुर 22 मार्च 20 एवं 29 मार्च 20 को रद्द, गाडी सं. 22987 अजमेर.आगराफोर्ट 20 मार्च 20 से 31 मार्च 20 तक रद्द गाडी सं 22988 आगराफोर्ट.अजमेर 20 मार्च 20 से 31 मार्च 20 तक रद्द

अदालतों में कामकाज पर दिशा निर्देश—

अदालत में अतिआवश्यक न्यायिक कार्य भी दोपहर दो बजे से चार बजे के मध्य ही होगा। अदालतों में आधा स्टाफ ही करेगा काम। राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार अदालतों में अतिआवश्यक न्यायिक कार्य भी दोपहर दो बजे से चार बजे के मध्य न्यायिक कार्यावधि के दौरान सम्पादित होंगे। उसके पूर्व किसी मामले में सुनवाई नहीं की जायेगी। इसके साथ ही अदालतों में आधा स्टाफ ही काम करेगा। साथ ही 20 मार्च को सभी अदालतों में 31 मार्च तक की सभी प्रकरण में काॅमन डेट एक साथ दी जाकर सार्वजनिक कर दी जायेगी ताकि अनावश्यक रूप से अभिभाषकों व पक्षकारों को अदालत में नहीं आना पड़े। वहीं दूसरी ओर सभी कैन्टिनें बंद रही और न्यायालय परिसर में प्रवेश के पूर्व स्क्रीनिंग कर ही अधिवक्ताओं व न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रवेश दिया गया तथा आम पक्षकारों के अनावश्यक प्रवेश पर पाबंदी आगामी आदेश तक जारी रहेगी।

लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर सभी अधिनस्थ न्यायालयों  को अवगत कराया गया साथ ही यह भी निर्देश जारी किये गये कि किसी प्रकरण में यदि अंतरिम आदेश जारी किया हुआ है तो वह अग्रिम आदेश तक स्वतः ही बढ़ा हुआ माना जायेगा साथ ही अतिआवश्यक    प्रकृति के प्रकरण प्रस्तुत करते समय भी मात्र एक अधिवक्ता अथवा उसके लिपिक अथवा पक्षकार में से किसी एक मात्र व्यक्ति को ही प्रस्तुति के लिये अनुमति प्रदान की जायेगी। साथ ही अतिआवश्यक प्रकृति के मामलों की सुनवाई में भी यदि लिखित स्टेटमेन्ट भी प्रस्तुत किये जा सकेंगे साथ ही अधिवक्ता या पक्षकार की अनुपस्थिति में भी किसी प्रकार का एडवर्स आॅर्डर पारित नहीं किया जायेगा।


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