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कोरोना पीड़ित आयकर अधिकारी ने अस्पताल में खुदकुशी की, 4 साल पहले रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने पकड़ा था

राजस्थान सरकार के आरयूएचएस अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती आयकर विभाग के एक अधिकारी ने खुदकुशी कर ली। इस अधिकारी ने अस्पताल की छठी मंजिल में बने वार्ड में बेडशीट से फंदा लगाकर आत्महत्या की है। जिस वार्ड में उन्होंने फंदे पर लटक कर आत्महत्या कीउसमें वे अकेले थे।

By PRITI JHAEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 02:00 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 02:00 PM (IST)
कोरोना पीड़ित आयकर अधिकारी ने अस्पताल में खुदकुशी की, 4 साल पहले रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने पकड़ा था
कोरोना वार्ड में भर्ती आयकर विभाग के एक अधिकारी ने खुदकुशी कर ली।

जयपुर, जागरण संवाददाता। जयपुर स्थित राजस्थान सरकार के आरयूएचएस अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती आयकर विभाग के एक अधिकारी ने खुदकुशी कर ली। इस अधिकारी ने अस्पताल की छठी मंजिल में बने वार्ड में बेडशीट से फंदा लगाकर आत्महत्या की है। सोमवार सुबह अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने अधिकारी को फंदे पर लटके हुए देखा। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। आत्महत्या करने वाले 45 वर्षीय विनय कुमार मंगला को सीबीआई ने 4 साल पहले एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए झालावाड़ में पकड़ा था  इस मामले में 22 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हे जेल भेज दिया था। जेल जाने से पहले उनकी कोरोना जांच की गई, जिसमें वे पॉजिटिव मिले। इस पर उन्हे आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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जानकारी के अनुसार जिस वार्ड में उन्होंने फंदे पर लटक कर आत्महत्या की,उसमें वे अकेले थे। पहले से भर्ती सभी मरीजों को स्वस्थ होने के बाद घर भेजा जा चुका था। सोमवार सुबह करीब 4 बजे सुरक्षाकर्मियों ने राउंड के दौरान विजय कुमार मंगला को वार्ड में बिस्तर पर सोते हुए देखा था। उसके बाद सुरक्षाकर्मी वापस राउंड पर आए तो वे पंखे पर लटके हुए नजर आए। पुलिस के अनुसार मंगला कोटा के श्रीनाथपुरम के रहने वाले थे। मामला न्यायिक हिरासत में मौत का होने के कारण उपखंड अधिकारी और पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। बाद में शव को फंदे से नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में भेजा गया।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार सीबीआई ने मंगला को एक पेट्रोल पंप मालिक से एक लाख की रिश्वत लेते हुए 31 दिसंबर, 2016 को पकड़ा था। परिवादी के पेट्रोल पंप की 2014-15 की आयकर डिमांड नहीं निकालने के बदले में मंगला ने रिश्वत मांगी थी। बातचीत में एक लाख रुपए में मामला तय हुआ। इस मंगला ने बिना तारीख के परिवादी से एक लाख रुपए का चेक ले लिया था। परिवादी ने सीबीआई में इसी बीच शिकायत कर दी थी। जांच में सीबीआई की टीम ने उनके घर की तलाशी ली,जिसमें डेढ़ किलो सोना,अचल संपति के दस्तावेज, 4 बैंक लॉकर, 6 बैंक खाते व साढ़े 24 लाख नकद मिले थे। सीबीआई ने कुछ समय हिरासत में रखा उसके बाद मामला कोर्ट में चल रहा था। कोर्ट ने उन्हे 22 जनवरी को ही जेल भेजा था। मंगला के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं। 


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