Corona in Rajasthan: राजस्थान में 125 करोड़ की लागत से लगेंगे छोटे ऑक्सीजन प्लांट्स
Corona in Rajasthan अशोक गहलोत का मानना है कि एक्टिव केसों की संख्या के अनुसार वर्तमान में 615 मैट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है। राजस्थान सरकार 59 शहरी निकायों के सरकारी अस्पतालों में 50 से 2000 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स लगाएगी।
जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए राजस्थान सरकार 59 शहरी निकायों के सरकारी अस्पतालों में 50 से 2000 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स लगाएगी। इन प्लांट्स से प्रतिदिन का प्रतिदिन उत्पादन 120 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के बराबर होगा। इनकी स्थापना पर करीब 125 करोड़ रूपए खर्च होंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मानना है कि एक्टिव केसों की संख्या के अनुसार वर्तमान में 615 मैट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है। लेकिन प्रदेश में मात्र 351 मैट्रिक टन ही उपलब्ध है, यदि संक्रमण की यही रफ्तार रही तो 15 मई तक ऑक्सीजन की जरूरत करीब 795 मैट्रिक टन तक हो जाएगी। ऑक्सीजन का उठाव करने के लिए 26 टैंकरों की जरूरत होगी, जबकि प्रदेश में मात्र 23 टैंकर ही उपलब्ध है। उन्होंने केंद्र सरकार से भिवाड़ी और जामनगर से ही प्रदेश को ऑक्सीजन का अधिकतम आवंटन करने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए कर्नपुर और कलिंगानगर से उठाव करना काफी मुश्किल है।
उधर संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए अधिक से अधिक टीकाकरण पर जोर दिया गया है । 18 से 44 साल तक के लोगों के नि:शुल्क टीकाकरण अभियान के लिए राज्य में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने तीन और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने दो दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने का निर्णय लिया है। चिकित्सा विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड केयर सेंटर्स की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। जयपुर के 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोवड केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए घर-घर सर्वे और जांच का काम शुरू किया गया है।