कोरोना का संकट, 6 नगर निगमों के चुनाव छह सप्ताह के लिए स्थगित, कैलादेवी मेला स्थगित
कोरोना के कारण राजस्थान के 6 नगर निगमों के चुनाव अब छह सप्ताह बाद होंगे।
जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना के कारण राजस्थान के 6 नगर निगमों के चुनाव अब छह सप्ताह बाद होंगे। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस बारे में राज्य सरकार की अर्जी और चार अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बुधवार को कोरोना वायरस के खतरे के कारण जयपुर,कोटा और जोधपुर के दो-दो नगर निगमों के चुनाव 6 सप्ताह आगे खिसकाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार के अलावा, एडवोकेट सुरेंद्र पारीक, विजय पाठक, पी.सी.भंडारी और युवराज सिंह ने मंगलवार को याचिका दायर कर कोरोना वायरस के कारण चुनाव स्थगित करने का आग्रह किया था। इन याचिकाओं पर जस्टिस संगीता लोढ़ा ने बुधवार को सुनवाई की।
करौली का प्रसिद्ध कैला देवी मेला 31 मार्च तक स्थगित कर दिया है। जिला कलेक्टर ने मेला स्थगित करने के आदेश दिए। इस मेले में राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।उधर जयपुर के एसएमएस अस्पताल में 3 विदेशियों सहित 11 नए कोरोना संदिग्धों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। विदेशियों में आस्ट्रेलिया के दंपति के साथ ही एक न्यूजीलैंड का नागरिक शामिल है। वहीं पहले से भर्ती इटली की महिला को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
होटल मालिकों ने सरकार से मुआवजा मांगा
कोरोना का ज्वैलरी व्यवसाय संकट में आ गया है। दुनिया के कई देशों में कोरोना का प्रभाव होने के कारण इस साल फरवरी से अप्रैल माह तक हांगकांग,बैजल,इंस्ताबुल और जयपुर में होने वाले जैम एंड ज्वैलरी शो रद्द कर दिए गए हैं । इसके साथ ही जुलाई और अगस्त माह में मंबई में आयोजित होने वाले ज्वैलरी शो को भी निरस्त कर दिया गया है।
दुनिया के इन बड़े ज्वैलरी शो के रद्द होने के कारण जयपुर सहित राजस्थान के बड़े जवाहरात कारोबारोरियों का करीब 13 करोड़ दांव पर लगा है। ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय काला और इंडियन प्रोफेशनल्स कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा का कहना है कि इन शो में शामिल होने के लिए जवाहरात कारोबारियों ने कई माह पहले ही माल तैयार करा लिया था। शो में शामिल होने के लिए एयर टिकट और होटल्स भी बुक करा लिए गए थे।
अमेरिका,इटली और चीन में पूर्व में भेजे गए ज्वैलरी आइटम का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि कई अंतरराष्ट्रीय शो रद्द होने व पेमेंट नहीं मिल पाने के कारण फैक्ट्रियों में कामकाज बंद हो गया है। करीब चार लाख लोग जैम एवं ज्वैलरी के कारोबार से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। इनमें व्यापारी और कारीगर शामिल है।
कोरोना के कारण राज्य के पर्यटन व्यवसाय पर विपरित असर हुआ है। राज्य के 80 फीसदी होटल खाली पड़े हैं। होटल, रेस्टोरेंट मालिकों और टूर आॅपरेटर्स ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देकर मुआवजा मांगा है। होटल एसोसिएशन का कहना है कि जिस तरह फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है,उसी तरह अब होटल एवं पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। होटल मालिकों का कहना है कि सरकार यदि मुआवजा नहीं दे तो आबकारी फीस, हाउस टैक्स,लाइसेंस फीस सहित अन्य टैक्स माफ करे।
11 साल पहले भी हुए थे ऐसे ही हालात
करीब 11 साल पहले साल,2009 में स्वाइन फ्लू के प्रकोप के कारण राजस्थान के पर्यटन व्यवसाय पर असर पड़ा था। आंकड़ों के अनुसार साल,2008 में करीब 15 लाख विदेशी पर्यटक प्रदेश में आए थे,लेकिन स्वाइन फ्लू फैलने के कारण 2009 में 10 लाख विदेशी पर्यटक ही आए थे। विदेशी पर्यटकों के साथ ही देशी पर्यटकों की आवक भी कम हुई थी। उसके बाद फिर साल, 2011 में हालात सुधरे तो 13 लाख 16 हजार और साल 2012 में 14 लाख 52 हजार विदेशी पर्यटक आए थे। साल 2013 और 2014 में यह आंकड़ा 15 लाख के करीब पहुंच गया था।
पोल्ट्री उधोग प्रभावित
कोरोना का असर प्रदेश खासकर जयपुर के पोल्टी उधोग पर भी हुआ है। सरकारी अनुमान के अनुसार जयपुर में करीब एक लाख से अधिक मुर्गे की खपत फरवरी माह तक रोजाना होती थी। कोरोना के कारण यह संख्या मात्र 20 हजार के करीब रह गई है। पिछले माह तक जो मुर्गा 200 में मिल रहा था वह अब मात्र 60 में बिक रहा है, लेकिन फिर भी खरीददार नदारद हैं।