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Rajasthan: चित्तौड़गढ़ में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा

Rajasthan कोर्ट ने नाबालिग लड़की का अपहरण कर तथा दुष्कर्म के छह साल पुराने मामले में एक आरोपित को दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद की सजा के साथ पैंतीस हजार रुपये के जुर्माने की सजा भी सुनाई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 05:31 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 05:31 PM (IST)
Rajasthan: चित्तौड़गढ़ में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा
चित्तौड़गढ़ में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ की पाक्सो कोर्ट ने नाबालिग लड़की का अपहरण तथा दुष्कर्म के छह साल पुराने मामले में एक आरोपित को दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद की सजा के साथ पैंतीस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। चित्तौड़गढ़ जिले के सुजाखेड़ा गांव की 16 साल की पीड़िता के पिता ने 25 जून, 2015 को मंगलवाड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया कि घटना के दिन वह अपनी पत्नी के साथ घरेलू कामकाज से जिला मुख्यालय खरीदारी करने के लिए गया हुआ था। इस दौरान उनकी बेटी घर में अकेली थी। जिसका गांव के कालू पुत्र भगवान लाल जाट ने अपहरण कर लिया। इसकी जानकारी उन्हें पड़ोसियों के जरिए मिली थी। 

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जानकारी मिलते ही वह अपनी पत्नी के साथ मंगलवाड़ थाने पहुंचा तथा उसकी गुमशुदगी और अपहरण की नामजद शिकायत दर्ज कराई थी। कुछ घंटों के बाद पुलिस ने नाबालिग पीड़िता को बरामद कर लिया, उसने अपने साथ दुष्कर्म की शिकायत की थी। इस मामले में एक अन्य आरोपित श्रीलाल पुत्र चंपालाल जाट का हाथ भी सामने आने पर पुलिस ने श्रीलाल जाट तथा मुख्य आरोपित कालू लाल जाट दोनों को गिरफ्तार कर लिया। इधर, पीड़िता ने अदालत में दर्ज कराए बयान में बताया कि उसके साथ कालू लाल जाट ने दुष्कर्म किया। आरोपितों के खिलाफ दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत चालान पेश किया गया, जबकि श्रीलाल जाट के खिलाफ अपहरण तथा दुष्कर्म में सहयोग करने को लेकर चालान पेश किया गया। पुलिस ने चालान पेश करने के बाद इस मामले में सोलह गवाह तथा 29 गवाह पेश किए। मामले में सुनवाई के बाद लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पाक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ के न्यायाधीश ने आरोपित कालूराम जाट को दोषी माना। भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के तहत दोषी को दस साल के कठोर कारावास के साथ दस हजार रुपये जुर्माना पाक्सो एक्ट की धारा पांच एल व छह में आजीवन कारावास की सजा के साथ 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। इसी मामले के आरोपित श्रीलाल जाट के खिलाफ अभी फैसला बाकी है।  


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