राजस्थान कांग्रेस में बढ़ेगी हलचल, सत्ता व संगठन में नियुक्तियों को लेकर होगी कवायद
माकन के प्रदेश दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं। लंबे समय से राजनीतिक नियुक्तियां अटकी हुई है और इस दिशा में भी कोई न कोई चर्चा होने की संभावना है। क्योंकि प्रदेश में बडी संख्या में राजनीतिक नियुक्तियां की जानी है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के तीन बड़े शहरों के 6 नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को मिली सफलता के बाद अब सरकार और संगठन में नियुक्तियों को लेकर कवायद शुरू हो गई है। इसी लिहाज से कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी अजय माकन मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर जयपुर आएंगे। माकन यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित संगठन के विभिन्न पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को उनका जयपुर के बिरला सभागार में एक कार्यक्रम भी है, जिसमें वे प्रदेश कांग्रेस के नेताओं संग संवाद भी करेंगे। इसके बाद उनका नगर निगम चुनाव में जीते कांग्रेस के नवनिर्वाचित मेयर, डिप्टी मेयर, पार्षदों से मिलने का कार्यक्रम है।
माकन के प्रदेश दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं। लंबे समय से राजनीतिक नियुक्तियां अटकी हुई है और इस दिशा में भी कोई न कोई चर्चा होने की संभावना है। क्योंकि प्रदेश में बडी संख्या में राजनीतिक नियुक्तियां की जानी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पद संभाले तीन माह से ज्यादा का समय हो गया और अभी तक उनकी टीम भी सामने नहीं आ पाई है। ऐसे में ये संभावना है कि प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर भी डोटासरा से माकन चर्चा कर सकते हैं।
माकन का मंत्री परिषद के सदस्यों और विधायकों से भी मिलने का कार्यक्रम है। अशोक गहलोत के मंत्री परिषद फेरबदल और विस्तार को लेकर भी संशय के हालात बने हुए हैं। नए चेहरों को लिए जाने की अटकलें है लेकिन लगता है सब अगले साल ही हो पाएगा।पार्टी के अग्रिम संगठनों में भी पदाधिकारियों की नियुक्ति शीघ्र ही शुरू होने वाली है ।
उल्लेखनीय है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद कांग्रेस आलाकमान ने तीन वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल,अजय माकन व रणदीप सुरजेवााला की एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पायलट के बीच सामंजस्य बिठाकर नियुक्तियों का काम करना था। लेकिन पटेल व माकन के कोरोना संक्रमित होने व संगठनात्मक मामलों में व्यस्तता के चलते कमेटी अपना काम शुरू ही नहीं कर सकी।