Rajasthan: कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल
Congress MLA Harish Meena. कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने एक मामले की जांच प्रक्रिया को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Congress MLA Harish Meena. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को अवैध बजरी खनन और पुलिस की पिटाई से ट्रैक्टर चालक की मौत के मामले को लेकर कांग्रेस विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा। कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने मामले की जांच प्रक्रिया को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस मामले की क्या जांच करोगे, जब धरना दिया तब तो मुकदमा हुआ और जब डिप्टी सीएम गए तब तो पोस्टमार्टम हुआ था। अब क्या जांच के लिए सीएम को बुलाना पड़ेगा? मीणा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये यह मामला सदन में उठाया था ।
हरीश मीणा ने कहा कि उनियारा में दिन दहाड़े ट्रैक्टर चालक को मार दिया जाता है। इसके सैकड़ों गवाह हैं। पुलिस कई घंटे तक शव को लेकर घूमती रही। शव को लेकर पुलिस वाले अस्पताल गए। 12 घंटे में कई मेडिकल बोर्ड बदले गए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सिविल राइट्स से कराने की घोषणा करते हुए मीणा से कहा कि आप धरने पर तो बैठ गए, लेकिन पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने नहीं गए। पोस्टमार्टम हुआ उसमें ब्लंट ऑबजेक्ट, ट्रोमा आदि मौत के कारणों में है। सवाल यह कि ट्रैक्टर चालक को किससे मारा गया।
धारीवाल ने बताया कि इस मामले में एसआइ मनीष चारण, हेड कांस्टेबल राजेश गुर्जर, भगवान गुर्जर, लक्ष्मीचंद, सांवल जाट और रामावतसार जाट आदि छह पुलिसर्किमयों को निलंबित किया गया है। हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले में हर ¨बदु को स्पष्ट करने के लिए 46 गवाहों के बयान लिए और 168 दस्तावेज जब्त किए गए। कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।
मंत्री जवाब नहीं दे पाए तो नेता प्रतिपक्ष को गुस्सा आया
राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पाने पर प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने नाराजगी जताई। बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुन ¨सह बामनिया विपक्ष के सवालों से घिर गए। वह सही तरह से जवाब नहीं दे सके। इस पर कटारिया ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन का मजाक बनाकर रख दिया। मंत्री बिना तैयारी के उठकर चले आते हैं।
विधायक जगसीराम ने जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री से जो जानकारी मांगी थी, वह उपलब्ध कराने के बजाय सरकारी आंकडे़ गिनाए जाते रहे। मंत्री से सवाल पूछा गया था कि योजना के तहत साल 2019 में कितने छात्र-छात्राओं को विभाग की योजनाओं से लाभांवित किया गया। मंत्री इसका सही जवाब नहीं दे सके।