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राजस्थान में बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मायावती पर साधा निशाना

Mayawati. राजस्थान में बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मायावती दलित और पिछड़ों की नेता नहीं बल्कि नोटों के पीछे भागने वाली नेता हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 03:58 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 03:58 PM (IST)
राजस्थान में बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मायावती पर साधा निशाना
राजस्थान में बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मायावती पर साधा निशाना

जागरण संवाददाता, जयपुर। तीन दिन पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने गुरुवार को एक बार फिर बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला बोला है। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मायावती दलित और पिछड़ों की नेता नहीं बल्कि नोटों के पीछे भागने वाली नेता हैं। मायावती बसपा कार्यकर्ताओं से पैसे एकत्रित कर के ऐसो आराम का जीवन व्यतित करती हैं।

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जयपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करने के बाद राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि पिछले माह मायावती ने हम सभी छह विधायकों और बसपा के प्रदेश पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाकर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से सात-सात लाख रुपये एकत्रित करने का लक्ष्य दिया था। उदयपुरवाटी सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीते गुढ़ा तीन दिन पूर्व अपने पांच साथियों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि मायावती का ध्येय पैसों के लिए कुछ भी करना है। पैसे लेकर मायावती कभी कांग्रेस को तो कभी भाजपा को समर्थन देती रही हैं।

उन्होंने कहा कि नगर विधानसभा सीट से बसपा का टिकट देने के लिए वाजिब अली से दो करोड़ रुपये लिए गए। हालांकि गुढ़ा के इस दावे की पुष्टि करने के लिए वाजिब अली से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। गुढ़ा ने कहा कि बसपा के प्रदेश प्रभारी धर्मवीर पैसा एकत्रित करने के लिए मायावती के एजेंट के रूप में काम करते हैं। धर्मवीर अशोक पैसे लेकर पदाधिकारी बनाते हैं और मायावती पैसे लेकर टिकट देती हैं। उन्होंने कहा कि मायावती ने कभी बसपा के आम कार्यकर्ताओं से सीधी बात नहीं की, जबकि अन्य पार्टियों में राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकर्ताओं से संवाद करते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं से भी बात करती हैं। लेकिन मायावती तो दलाली करने वाले नेताओं से बात करती हैं। 

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