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Rajasthan: गुटबाजी, बिगड़ती कानून व्यवस्था से जूझती कांग्रेस सरकार पानी के नाम पर चुनाव लड़ना चाहती है

केंद्र से 90 फीसदी बजट की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरपार की लड़ाई के मूड में है। बुधवार को जयपुर के बिड़ला सभागार मे 13 जिलों के कांग्रेसी जुटे और परियोजना को लेकर केंद्र व भाजपा पर दबाव बनाने का निर्णय लिया गया।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 02:15 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 02:15 PM (IST)
Rajasthan: गुटबाजी, बिगड़ती कानून व्यवस्था से जूझती कांग्रेस सरकार पानी के नाम पर चुनाव लड़ना चाहती है
राजस्थान की कांग्रेस सरकार पानी के नाम पर अगले विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है।

जयपुर, जागरण संवाददाता। पार्टी की आंतरिकत गुटबाजी, बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी के मुददों से जूझ रही राजस्थान की कांग्रेस सरकार पानी के नाम पर अगले विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है। प्रदेश के 13 जिलों की 86 विधानसभा सीटों को प्रभावित करने वाली पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने और इसके लिए केंद्र से 90 फीसदी बजट की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरपार की लड़ाई के मूड में है।

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गहलोत के आह्वान पर बुधवार को जयपुर के बिड़ला सभागार मे 13 जिलों के कांग्रेसी जुटे और परियोजना को लेकर केंद्र व भाजपा पर दबाव बनाने का निर्णय लिया गया। कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को इन जिलों नहीं घूसने देने की बात कही।

दरअसल, वर्तमान में 86 में से अधिकांश विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास है। यह सीटें गुर्जर और मीणा समाज के प्रभाव वाली है । लेकिन पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की नाराजगी के चलते यह दोनों बड़ी जातियां गहलोत सरकार से नाखुश है।

गहलोत को चिंता इस बात कि है कि आगामी चुनाव में पूर्वी राजस्थान के छह जिलों दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, करौली और भरतपुर में कांग्रेस को काफी नुकसान हो सकता है। ऐसे में वे ईआरसीपी को मुददा बनाकर एक तरफ तो केंद्र सरकार को घेरने में जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

हालांकि इस कोशिश को उस समय धक्का लगा जब पायलट बिड़ला सभागार में नहीं पहुंचे। गहलोत खेमा इस आयोजन की तैयारी में कई दिनों से जुटा था।

भाजपा ने कहा, केंद्र देगा 90 फीसदी बजट

भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के साथ ही केंद्र सरकार 60 की जगह 90 फीसदी पैसा देगी। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें राज्य सरकार को पूरी करनी होगी। अगर सीएम नये सिरे से परियोजना का प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे तो पीएम नरेंद्र मोदी हिचकिचाहट नहीं करेंगे।

राज्य सरकार को 50 फीसदी की जगह 75 फीसदी पानी की निर्भरता का प्रस्ताव बनाकर भेजना चाहिए। केन्द्र से 90 फीसदी आर्थिक मदद चाहते हैं तो इसमें पार्वती-कालीसिन्ध-चम्बल लिंक नदी जोड़ो परियोजना का प्रस्ताव भेजे।


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