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कांग्रेस ने जीत बरकरार रखने को लेकर किया रणनीति तय, राहुल से मिलेंगे जीते हुए प्रत्याशी

राजस्थान विधानसभा चुनाव से करीब 9 माह पूर्व दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हार के दूसरे ही दिन भाजपा ने चिंतन करना शुरू कर दिया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 02 Feb 2018 01:07 PM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 01:09 PM (IST)
कांग्रेस ने जीत बरकरार रखने को लेकर किया रणनीति तय, राहुल से मिलेंगे जीते हुए प्रत्याशी
कांग्रेस ने जीत बरकरार रखने को लेकर किया रणनीति तय, राहुल से मिलेंगे जीते हुए प्रत्याशी

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v style="text-align: justify;">जयपुर, [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान विधानसभा चुनाव से करीब 9 माह पूर्व दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हार के दूसरे ही दिन भाजपा ने चिंतन करना शुरू कर दिया है। चुनाव में हार के कारणों को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री सहित अन्य दिग्गजों ने करीब तीन घंटे तक कसरत कर माना कि,एंटी-इंकमबेंसी,कार्यकर्ताओं की नाराजगी और जातीय समीकरणों के कारण भाजपा का खेल बिगड़ा है।
पार्टी के दिग्गजों उन विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के संकेत दिए है,जिन्होंने उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की खिलाफत कर कांग्रेस की मदद की। शुक्रवार दोपहर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निवास पर  हुई कोर कमेटी की बैठक में प्रदेश के बदले हुए जातीय समीकरणों को अपने पक्ष में करने और मंत्रियों,विधायकों एव पदाधिकारियों को फील्ड में भेजने को लेकर चर्चा हुई। इधर विधानसभा चुनाव से पूर्व सेमीफाइनल में तीनों ही सीटों पर बड़े अंतर से हुई जीत से उत्साहित कांग्रेस ने अपनी कामयाबी का सिलसिला जारी रखने कर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का मानना है कि तीनों सीटों पर जीत का माहौल करीब 9 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव तक बरकरार रखना बड़ी चुनौति होगी,इसके लिए नेताओं को अभी से जिम्मेदारी देकर क्षेत्र में जाने के लिए कहा जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट अजमेर संसदीय क्षेत्र से जीते रघु शर्मा,अलवर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए कर्णसिंह यादव और मांडलगढ़ से विधानसभा का चुनाव जीतने वाले विवेक धाकड़ को लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से  मुलाकात करेंगे।
पायलट का कहना है कि एक-दो दिन में राहुल गांधी  से मुलाकात होगी। पायलट का कहना है कि उप चुनाव में  तीनों सीटों पर  कांग्रेस उम्मीदवारों के बड़े अंतर से जीत दर्ज  कराने से यह साफ हो गया कि प्रदेश के मतदाता भाजपा सरकार को हटाना चाहते हैं । अजमेर संसदीय क्षेत्र पर कांग्रेस के रघु शर्मा  ने भाजपा के रामस्वरूप को 84,414 मतों से कराया,वहीं अलवर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के डॉ.कर्णसिंह यादव ने भाजपा प्रत्याशी जसवंत यादव को 1 लाख,96 हजार 496 मतों से मात दी। जसवंत यादव वसुंधरा राजे सरकार में केबिनेट मंत्री हैं । मांडलगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के विवेक धाकड़ ने  कांग्रेस के शक्ति सिंह को 12 हजार 976 मतों से पराजित किया। गुरूवार शाम चुनाव परिणाम आने के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस में आंतरिक राजनीति तेज हो गई । भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने जहां इस हार के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के भ्रष्टाचार के कारण कांग्रेस जीती है। इधर कांग्रेस में भी जीत का श्रेय लेने को लेकर होड़ मची है। एक तरफ तो जहां प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से तीनों सीटों पर जीत का नायक सचिन पायलट को माना जा रहा है,वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत,डॉ.सी.पी.जोशी और पूर्व रक्षा राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह के समर्थक भी जीत का श्रेय अपने-अपने नेता को देने में जुटे हैं । उल्लेखनीय है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांवरलाल जाट के निधन के कारण अजमेर,सांसद महंत चांदनाथ की  मृत्यु के कारण अलवर संसदीय क्षेत्रों में चुनाव हुए है। वहीं विधायक कीर्ति कुमारी के निधन के कारण मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव हुए। अब तक ये तीनों ही सीटें भाजपा के कब्जे में थी,लेकिन गुरूवार को आए चुनाव परिणाम में कांग्रेस के खाते में चली गई । 

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