राजस्थान में असदुद्दीन ओवैसी समर्थकों की सक्रियता से कांग्रेस हुए बेचैन
जयपुर चूरू सवाईमाधोपुर अजमेर व झुंझुंनूं में औवेसी समर्थकों की टीम मुस्लिम मौहल्लों में जाकर समाज के प्रमुख लोगों से संपर्क कर रही है। राजस्थान में कांग्रेस के लिए आॅल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी परेशानी का कारण बन सकते हैं।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में कांग्रेस के लिए आॅल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी परेशानी का कारण बन सकते हैं। अब तक प्रदेश के मुस्लिम वोट बैंक पर एकछत्र पकड़ रखने वाली कांग्रेस के लिए मुसीबत ओवैसी समर्थकों की सक्रियता के कारण हो सकती है। औवेसी के समर्थक पिछले एक माह से प्रदेश में सक्रिय हैं। ये लोग मुस्लिम बहुल इलाकों में औवेसी के पुराने भाषणों को सोशल मीडिया के माध्यत से पहुंचा रहे हैं।
जयपुर, चूरू, सवाईमाधोपुर, अजमेर व झुंझुंनूं में औवेसी समर्थकों की टीम मुस्लिम मौहल्लों में जाकर समाज के प्रमुख लोगों से संपर्क कर रही है। जानकारी के अनुसार बिहार के चुनाव परिणाम से उत्साहित ओवैसी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राजस्थान में अपनी सक्रियता बढ़ाएंगे। हाल ही में संपन्न हुए नगर निगम चुनाव में जयपुर व जोधपुर में मुस्लिम समाज की कांग्रेस के प्रति नाराजगी देखने को मिली है। टिकट वितरण में प्राथमिकता नहीं मिलने पर मुस्लिम समाज ने आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को देख लेने तक की बात कही है। इसी बीच ओवैसी समर्थकों की सक्रियता ने कांग्रेस नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है।
मुस्लिम समाज के प्रभाव वाली तीन दर्जन विधानसभा सीटों में से दो दर्जन पर फिलहाल कांग्रेस के विधायक हैं । इनमें 10 मुस्लिम विधायक शामिल है। सरकार में एक मुस्लिम केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद है। अगर औवेसी प्रदेश में सक्रिय होते हैं और अपनी पार्टी के बैनर तले आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उताते हैं तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा । औवेसी की पार्टी की एंट्री को लेकर मुस्लिम वोटरों की नब्ज टटोलने के लिए इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए कैंपेन चलाया जा रहा है। कुछ व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए चलाए जा रहे इस कैंपेन से लोगों के जुड़ने की अपील भी की जा रही है।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल पहले से ही कांग्रेस के लिए मुसीबत बने हुए हैं । कभी कांग्रेस का वोटबैंक माने जाने वाले जाट समाज में बेनीवाल ने सेंध लगाई है । जोधपुर,नागौर,बाड़मेर व जैसलमेर जिलों में बेनीवाल की पार्टी सक्रिय है। प्रदेश में तीन विधायक हैं। दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में करीब 10 विधानसभा सीटों व लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर कांग्रेस की हार का कारण बेनीवाल रहे थे ।
अब कांग्रेस की यह है योजना
मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीतिक नियुक्तियों में अल्पसंख्यक नेताओं को अधिक महत्व देने पर विचार कर रहे हैं। आगामी दिनों में गठित होने वाली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी में भी मुस्लिम नेताओं को पहले से अधिक पद दिए जाएंगे। जिला कांग्रेस कमेटियों में भी यही फॉर्मूला अपनाया जाएगा । इसके साथ ही केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद को मुस्लिम समाज में अधिक सक्रिय होने के लिए कहा गया है ।