Rajasthan: दिन में एक-दूसरे पर चलाए शब्दों के बाण, रात में एक साथ दिखे गजेंद्र सिंह शेखावत व सचिन पायलट
Rajasthan उदयपुर के महाराणा प्रताप हवाई अड्डे पर भाजपा नेता तथा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह कांग्रेस के नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ गले लगते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले दिन में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर शब्दबाण चलाए।
उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजनीति भी अजीब है। दिन में जहां एक-दूसरे के खिलाफ शब्दों के तीर चलाते दिखाई देने वाले नेता रात में एक-दूसरे के गले लगाते हुए देखे जाएं तो क्या कहा जाएगा। यह सब मंगलवार को उदयपुर में देखने को मिला। दिन में आयोजित पार्टियों की सभाओं में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और रात को उदयपुर के महाराणा प्रताप हवाई अड्डे में एक-दूसरे से गले लगते हुए दिखाई दिए। फोटो वायरल होने पर चहुंओर इसकी चर्चा बनी हुई है। उदयपुर के महाराणा प्रताप हवाई अड्डे पर भाजपा नेता तथा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह कांग्रेस के नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ गले लगते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इससे पहले वह सहाड़ा तथा सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए एक-दूसरे पर शाब्दिक हमला करते रहे। वायरल फोटो में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान मौजूद कांग्रेस सचिव व मीडिया प्रवक्ता पंकज शर्मा ने बताया कि गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट का डबोक हवाई अड्डे पर अचानक आमना- सामना हो गया था। दोनों नेताओं ने गले मिलकर गर्मजोशी के साथ एक-दूसरे का स्वागत किया। एक-दूसरे का हालचाल जाना। हंसी-ठिठोली भी की। गजेंद्र सिंह व कांग्रेस नेता सचिन पायलट के इन फोटो तथा दृश्यों को देखकर सियासत भी गर्माई हुई है। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर के साथ चर्चा छिड़ी हुई है। वे इन क्षणों का सियासी मायने निकालने में जुटे हैं। लोगों का कहना है कि दोनों में बहुत अच्छे संबंध हैं। आगे चलकर ये राजस्थान की राजनीति को नए मोड़ पर ले जा सकते हैं।
उधर, कांग्रेस में काफी कोशिश के बाद अजय माकन सीएम अशोक गहलोत व सचिन पायलट को एक मंच पर लाने में तो सफल रहे, लेकिन दोनों के दिल नहीं मिले। तीन में से दो सीटों पर गुर्जर वोटों की बहुलता को देखते हुए सीएम व पार्टी नेतृत्व को पायलट को साथ रखना जरूरी हो गया है। इस वजह से ही गहलोत और माकन पायलट को अपने साथ लेकर मंगलवार को सभाओं में गए। हालांकि दोनों के समर्थक विधायक व नेता एक-दूसरे से दूर ही नजर आ रहे हैं। गहलोत ने पायलट समर्थकों को चुनाव अभियान की जिम्मेदारी नहीं सौंपी।