Child Friendly Village: राजस्थान में बनेंगे बाल मित्र गांव, कार्ययोजना तैयार
Child Friendly Village In Rajasthan. राजस्थान में बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बाल मित्र गांवों की कार्ययोजना तैयार की है।
जयपुर, जेएनएन। Child Friendly Village In Rajasthan. गांवों मेें बच्चों को पर्याप्त सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाएं मिले, इसके लिए राजस्थान में गांवों को बाल मित्र गांव बनाया जाएगा। राजस्थान बाल संरक्षण आयोग ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार की है। इसे सभी जिलों को भेजा जा रहा है।
राजस्थान में पिछले कुछ समय में बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। राजस्थान में वर्ष 2018 में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न और हिंसा के 1922 मामले पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए थे। वहीं, मई 2019 तक 1136 मामले दर्ज हो चुके थे। बालश्रम भी राजस्थान में एक बड़ी समस्या बना हुआ है। राजस्थान के ही नहीं बल्कि बड़ी संख्या में बाहर के बच्चे भी राजस्थान में आकर बालश्रम का शिकार बनते हैं।
इन्हीं स्थितियों को देखते हुए राजस्थान में बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बाल मित्र गांवों की कार्ययोजना तैयार की है। इस कार्ययोजना के तहत हर ग्राम पंचायत में किए जाने वाले काम तय किए गए हैं और संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है। साथ ही, पुलिस थानों को भी बाल मित्र थाना बनाए जाने की कार्ययोजना बनाई गई है।
बाल मित्र गांव में होंगे ये काम
- ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति यह सत्यापन करेगी कि गांव में बच्चों के साथ किसी भी तरह के उत्पीड़न और बाल अधिकारों के उल्लंघन का मामला नहीं हुआ है।
- श्रम विभाग यह सत्यापन करेगा कि गांव में कोई बाल श्रमिक नहीं है।
- कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं है और उनके साथ स्कूलों में किसी तरह की प्रताड़ना नहीं हुई है, इसका सत्यापन शिक्षा विभाग करेगा।
- हर बच्चे को सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ मिल रहा है, इसका सत्यापन समाज कल्याण विभाग करेगा।
- कोई भी बच्चा किशोर न्याय अधिनियम और लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम में पीड़ित के रूप में दर्ज नहीं है, इसका सत्यापन पुलिस विभाग करेगा।
- गांव में भ्रूण हत्या नहीं हो रही है और बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच हो रही है, इसका सत्यापन स्वास्थ्य विभाग करेगा।
- गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को सुमचित पोषाहार मिल रहा है और कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं है, इसका सत्यापन महिला व बाल विकास विभाग करेगा।
- थानों में बच्चों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार किया जाता है और बच्चों से जुड़े मामलों में तुरंत कार्रवाई की जाती है। इसके साथ थानों में बाल डेस्क है, इसका सत्यापन पुलिस विभाग करेगा।