Move to Jagran APP

अयोध्या के राम मंदिर का पंचकोसी परिक्रमा घाट द्वार की शोभा बढ़ाएगा जोधपुर का छीतर सेंड स्टोन

श्रीराम के मंदिर निर्माण के तहत पंचकोसी परिक्रमा घाट के द्वार बनाने का सौभाग्य जोधपुर के पत्थरों को मिला है। छीतर के नाम से विश्वप्रसिद्ध इस पत्थर से अयोधया के पंचकोसी परिक्रमा घाट के द्वार बन रहे हैं।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 12:57 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 01:09 PM (IST)
अयोध्या के राम मंदिर का पंचकोसी परिक्रमा घाट द्वार की शोभा बढ़ाएगा जोधपुर का छीतर सेंड स्टोन
अब छीतर पत्थर की पहचान राम मंदिर में दिखाई देगी।

जोधपुर, रंजन दवे। अयोध्या नगरी में बनने जा रहे प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के तहत पंचकोसी परिक्रमा घाट के द्वार बनाने का सौभाग्य जोधपुर के पत्थरों को मिला है। छीतर के नाम से विश्वप्रसिद्ध इस पत्थर से अयोधया के पंचकोसी परिक्रमा घाट के द्वार बन रहे हैं। 350 घनफुट जोधपुरी पत्थर से घड़ी यह पोल अयोध्या में स्थापित होने के लिए भेजी गई है।

loksabha election banner

पूरी दुनिया में प्रसिद्ध जोधपुर के सेंड स्टोन को स्थानीय भाषा मे छितर का भाटा भी कहा जाता है। जोधपुर जोधपुर के मकानों की शान के साथ-साथ यह शहर की पहचान भी है। और अब छीतर पत्थर की पहचान राम मंदिर में दिखाई देगी। पंचकोसी परिक्रमा नया घाट पर बन रहे द्वार जोधपुर में तैयार किए गए हैं। मंदिर के आसपास के क्षेत्र में तकरीबन 64 स्वागत द्वार बनाए जाएंगे जिसकी पहली पोल स्वागत द्वार जोधपुर के पत्थर से बनी है।

जोधपुर के सूरसागर घोड़ा घाटी इलाके की अरुणा माइंस एंड अरुणा स्टोन से प्रिया पत्थर निकला है, जोधपुर के कारीगर भोमाराम प्रजापत और उनकी टीम ने 25 दिन में तैयार किया है। 15 फुट चौड़े और 21 फुट ऊंचे इस भव्य द्वार पर नक्काशी की गई है। इसके अलावा राम दरबार को भी उकेरा गया है। आलीशान नक्काशी से सुसज्जित इस विशालकाय द्वार को अलग-अलग टुकड़ों में यहां बनाया गया है जिसे अयोध्या में ले जाकर जोड़ा जाएगा। पोल द्वार की पूरी चौड़ाई 20 गुणा 25 फीट की होगी अंदर की साइज 15 गुणा 19 फ़ीट की रखी गयी है।

जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस इस पत्थर की जीती जागती बानगी है। जिसकी सुंदरता जोधपुर के सैंड स्टोन से ही बनी है। हालांकि अलवर क्षेत्र से निकलनेेेेे वाले पत्थर की अपेक्षा जोधपुर का सेंड स्टोन थोड़ा सख्त माना जाता है वही चमक के मामले में बालू मिट्टी होने के कारण यह जल्दी काला नहीं पड़ता और इसकी चमक बरकरार रहती है । 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.