Move to Jagran APP

अलवर मामले में चार्जशीट दाखिल, तीन लोगों पर अकबर को मारने का आरोप

चार्जशीट में 3 आरोपितों को अकबर की पिटाई और हत्या का दोषी माना है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी जांच लंबित रखी गई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 07:57 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 07:57 PM (IST)
अलवर मामले में चार्जशीट दाखिल, तीन लोगों पर अकबर को मारने का आरोप
अलवर मामले में चार्जशीट दाखिल, तीन लोगों पर अकबर को मारने का आरोप

जयपुर, जेएनएन। सड़क से लेकर संसद तक गूंजे अलवर में कथित गोतस्कर अकबर की हत्या के मामले में तीन लोगों को आरोपित माना गया है। वहीं, एक विहिप कार्यकर्ता नवल किशोर के खिलाफ जांच लंबित रखी गई है। अलवर मॉब लिंचिंग मामले में अलवर जिला पुलिस ने शुक्रवार को रामगढ़ सिविल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में 3 आरोपितों को अकबर की पिटाई और हत्या का दोषी माना है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी जांच लंबित रखी गई है।

loksabha election banner

पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं करने को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनके खिलाफ मजिस्ट्रेट जांच चल रही है। जांच के बाद ही तय होगा कि वे दोषी है अथवा नहीं। जिन तीन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है उनमें आरोपी परमजीत, धर्मेंद्र और नरेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इन तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302,342 और 323 के तहत आरोप-पत्र दाखिल किया है। कोर्ट में पेश 25 पेज की चार्जशीट में दावा किया गया है कि इन 3 लोगों ने अलवर जिले में ललावंडी गांव के पास अकबर की पीट-पीट कर हत्या की थी। इस घटना के समय हरियाणा के नूंह निवासी अकबर अपने एक साथी के साथ गायें लेकर जा रहा था।

मेव पंचायत ने जताया असंतोष

पुलिस द्वारा सिविल कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट पर अलवर मेव पंचायत ने असंतोष जताते हुए कहा कि विहिप कार्यकर्ता नवल किशोर को बचाने के लिए उसके खिलाफ जांच लंबित रखी गई है। सरकार यह नहीं चाहती कि विधानसभा चुनाव के समय विहिप कार्यकर्ता को इस मामलें सामने बताया जाए, अगर ऐसा होता तो विहिप और आरएसएस के कार्यकर्ता नाराज हो सकते थे। मेव पंचायत ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच लंबित रखने पर भी नाराजगी जताई है। मेव पंचायत के संरक्षक शेर मोहम्मद की अगुवाई में अगले एक-दो दिन में समाज की पंचायत होगी, जिसमें इस मामले को लेकर भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।

जानें, क्या है मामला

21 जुलाई की रात को अकबर अपने एक साथी के साथ एक मिनी ट्रक में गायें भरकर हरियाणा की तरफ ले जा रहा था। गायों को लेकर अकबर जब अलवर जिले के ललावंडी गांव में पहुंचा तो देर रात करीब 1 बजे कथित गौरक्षकों ने उसे रोका और फिर मारपीट की। मारपीट के बाद विहिप कार्यकर्ता नवल किशोर ने कथित गोतस्करी की सूचना रामगढ़ पुलिस थाने में दी,इस पर पुलिस करीब डेढ़ बजे मौके पर पहुंची तो अकबर गंभीर हालत में खेत में पड़ा था, इस दौरान उसका साथी फरार हो गया। थानेदार मोहन सिंह अन्य पुलिसकर्मियों के साथ उसे पुलिस थाने लेकर आए। इसके बाद पुलिसकर्मी करीब 4 बजे अकबर को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

विपक्षी दल और सामाजिक संगठनों द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस थाने में ही अकबर की मौत हुई थी। मामला संसद में उठा,गृहमंत्री राजनाथ सिंह को इस मामले में बयान देना पड़ा। सड़क से लेकर संसद तक मामला गुंजने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ ललावंडी गांव में गए और हालात का जायजा लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.