Rajasthan: रिश्वत के मामले में आइएएस अधिकारी के खिलाफ चालान पेश
Rajasthan रिश्वत मांगने के आरोप में कोटा जेल में बंद बारां के पूर्व जिला कलेक्टर व आइएएस अधिकारी इंद्र सिंह राव और उनके निजी सहायक महावीर प्रसाद नागर के खिलाफ राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कोटा जिला व सत्र न्यायालय में चालान पेश किया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: पेट्रोल पंप की एनओसी देने को लेकर रिश्वत मांगने के आरोप में कोटा जेल में बंद बारां के पूर्व जिला कलेक्टर व आइएएस अधिकारी इंद्र सिंह राव और उनके निजी सहायक महावीर प्रसाद नागर के खिलाफ राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कोटा जिला व सत्र न्यायालय में चालान पेश कर दिया है। कुल 565 पेज के चालान में रिश्वतखोरी के सबूतों के साथ अन्य तथ्य शामिल किए गए हैं। रिश्वत के मामले में गिरफ्तारी के बाद राव और नागर पिछले डेढ़ माह से कोटा जेल में बंद है। इन्हें एक लाख 40 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। उधर, हाइवे बनाने वाली कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार हुए दौसा के पूर्व पुलिस अधीक्षक व आइपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल को 17 फरवरी तक जेल भेज दिया गया है।
अग्रवाल को एसीबी ने शुक्रवार सुबह एसीबी कोर्ट में पेश किया है, जहां से उन्हे 17 फरवरी तक जेल भेजा गया। एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन की अगुवाई में अग्रवाल से जुड़े मामले की जांच हो रही है। इस मामले में शिकायत में मिलने पर पहले एसीबी ने दौसा जिले में तैनात दो उपखंड अधिकारियों पिंकी मीणा व पुष्कर मित्तल के साथ ही अग्रवाल के लिए दलाली करने वाले नीरज मीणा को 13 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इनसे हुई पूछताछ के बाद अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि हाइवे निर्माण करने वाली कंपनी से अग्रवाल दो बार में 31 लाख की रिश्वत ले चुके थे। वे कुल 38 लाख की रिश्वत मांग रहे थे। अग्रवाल थाना अधिकारियों से भी दलाल के माध्यम से प्रतिमाह बंधी मांग रहे थे। इस पर डायमंड कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रतिनिधि बलजीत सिंह ने शिकायत की थी। शिकायत की जांच के बाद एसीबी ने तीनों अधिकारियों व दलाल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने इन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।