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Rajasthan: हवा से मेडिकल ऑक्सीजन बनाने वाले तीन जनरेटर केंद्र सरकार ने भेजे अजमेर

Rajasthan ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए इंग्लैंड से आयातित तीन ऑक्सीजन जनरेटर अजमेर के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय व चिकित्सालय को भेजे गए हैं। इन जनरेटरों के अजमेर पहुंचने से अजमेर के लिए प्रतिदिन तीन सौ ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की व्यवस्था संभव हो सकेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 03:37 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 03:37 PM (IST)
Rajasthan: हवा से मेडिकल ऑक्सीजन बनाने वाले तीन जनरेटर केंद्र सरकार ने भेजे अजमेर
हवा से मेडिकल ऑक्सीजन बनाने वाले तीन जनरेटर केंद्र सरकार ने भेजे अजमेर। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में आ रही प्राणवायु यानि ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए इंग्लैंड से आयातित तीन ऑक्सीजन जनरेटर अजमेर के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय व चिकित्सालय को भेजे हैं। इन जनरेटरों के अजमेर पहुंचने से अजमेर के लिए प्रतिदिन तीन सौ ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की व्यवस्था संभव हो सकेगी। यह जनरेटर सीधे हवा से प्रतिदिन पांच सौ लीटर ऑक्सीजन बनाने में सक्षम है। इस तरह एक जनरेटर प्रतिदिन करीब सौ सिलेंडर मेडिकल ऑक्सीजन को रिफिल कर सकेगा। एसडीआरएफ की टीम की देखरेख में जनरेटर अजमेर पहुंच गए हैं।

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने आसाम के चिराग मेडिकल काॅलेज, राजस्थान के झालावाड मेडिकल काॅलेज के लिए भी तीन तीन ऑक्सीजन जनरेटर भेजे हैं। राजस्थान सरकार ने भी जवाहर लाल नेहरू हाॅस्पिटल के लिए हाल ही में 25 ऑक्सीजन कंसटे्रटर भिजवाए हैं। वहीं, अमेरिका में रहने वाले भारतीयों ने अपने मेडिकल शिक्षण संस्थान जहां से उन्होंने एमबीबीएस की शिक्षा अर्जित की थी को संकट के समय सहायता के रूप में भी ऑक्सीजन कंसट्रेटर भिजवाएं हैं। इन सब के बावजूद अजमेर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव और संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन की उपलब्धता और वेंटिलेटर बेड की उपलब्धता नाकाफी ही साबित हो रही है। संभाग का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान होने के कारण संभाग भर से मरीज अजमेर पहुंच रहे हैं।

हालात है कि यहां उनके एडमीशन की संभावनाएं ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पंलगों की वस्तुस्थिति को देखते हुए क्षीण हो जाती है। अधिकांश पीड़ितों को दर दर भटकना पड़ रहा है। अजमेर का निजी क्षेत्र का एक मात्र चिकित्सा संस्थान मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में कोविड पीड़ित गंभीर रोगियों को विगत एक सप्ताह से अधिक समय से भर्ती ही नहीं किया जा रहा है। ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं होने के कारण यहां रोगी भर्ती नहीं किए जा रहे हैं, जबकि हाॅस्पिटल में 100 से अधिक कोविड रोगियों को देखने से संबंधित अन्य साधन संसाधन मौजूद हैं। जिला प्रशासन व हाॅस्पिटल के निजी सोर्सेज से जो ऑक्सीजन उपलब्ध हो पा रही है, उससे नाॅन कोविड पूराने भर्ती करीब 40 रोगियों की जरूरत ही पूरी हो पा रही है।

जानें, कोरोना के कहां कितने मामले

संभाग के चारों जिलों में 1349 नए संक्रमित मरीज रिकॉर्ड में दर्ज किए गए और दस की मौत हुई, जबकि 1538 मरीजों की रिकवरी हुई। इनमें डिस्चार्ज किए गए लोग भी शामिल हैं। यहां मृत्यु का आंकड़ा वस्तुस्थिति से मेल नहीं खाता। श्मशान गृहों में सुबह से शाम तक शवों का अंतिम संस्कार करने की लाइन लगी है। आंकड़ों में दर्शाई गई संख्या से वास्तविक कोरोना पीड़ितों की मौत का आंकड़ा चार गुना ज्यादा ही है। रविवार को अजमेर जिले से 482 नए संक्रमित तथा दो की मौत बताई गई थीं, वास्तव में जिले में 47 कोरोना रोगियों की मौत हुई। इनमें अजमेर शहर के ही अकेले 32 लोगों की चिताएं श्मशानों और अन्य मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए पहुंची थी। भीलवाड़ा जिले से 521 व चार की मौत, नागौर जिले से 157 व दो की मौत, टोंक जिले से 189 संक्रमित तथा दो की मौत दर्ज की गई। अजमेर से 523, भीलवाड़ा से 640, नागौर से 212, टोंक से 163 मरीज रिकवर अथवा डिस्चार्ज हुए।

अजमेर में मोटरसाइकिल पर फ्लैग मार्च

सोमवार सुबह पांच बजे से लॉकडाउन के जरिए पूरे संभाग पर संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रभावी सख्ती अमल में लाई जा रही है। संभागीय आयुक्त डॉ. वीणा प्रधान ने जहां लॉकडाउन को लेकर प्रशासनिक व्यवस्थाओं का आंकलन किया, वहीं अजमेर रेंज के आईजी डॉ. एस. सेंगाथिर ने संभाग में लॉकडाउन के दौरान कानून व्यवस्था व नियमों की सख्ती से पालना कराने के पुलिस को निर्देश दिए। अजमेर शहर में जिला पुलिस प्रशासन ने लोगों को कोरोना काल में लाॅकडाउन के चलते घरों में ही रहने, आवश्यक गाइडलाइन का पालन करने तथा पुलिस की सख्ती के प्रति लोगों तक जानकारी देने के उद्देश्य से मोटरसाइकिल रैली के माध्यम से फ्लैग मार्च निकाला। 

रेलवे अस्पताल को यूनियन ने सौंपे चिकित्सा उपकरण

नाॅर्थ वेस्ट  रेलवे एम्पलाॅइज यूनियन ने कोविड-19 से रेल कर्मचारी और उनके परिवारजनों की रक्षा के लिए रेलवे मंडल चिकित्सालय को चिकित्सा सामग्री व उपकरण उपलब्ध करवाए। यूनियन के मंडल अध्यक्ष मोहन चेलानी और मंडल सचिव अरूण गुप्ता ने बताया कि गत तीन दिनों में यूनियन की अजमेर स्थित सात शाखाओं व रेल सेवानिवृत्त प्रकोष्ठ के साथियों ने आपसी सहयोग से तीन लाख रुपये से अधिक का फंड एकत्रित करके रेलवे के मंडल चिकित्सालय के कोविड व फीवर वार्ड में आवश्यक चिकित्सा सामग्री व उपकरण उपलब्ध करवाए, जिसमें दो यूनिट ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, छह यूनिट स्टीम वेपूलाईज़र, चार यूनिट प्लस ऑक्सीमीटर, दो ऑक्सीजन फ्लोमीटर, 20 ऑक्सीजन मास्क मय पाइप, 20 ऑक्सीजन नोज पाइप, पांच यूनिट बैटरी ऑपरेटेड हिप्पोक्लोराईड स्प्रेईंग मशीन, चार यूरीन पाॅट, 04 बैड पेन, 20 यूनिट ऑल आउट-मषीन (मच्छरों से बचाव के लिए), 01 काॅफी एंड टी मेकर मषीन, 100 डिस्पोजेबल 95 जीएसएम एप्रेन, 100 फेस शील्ड शामिल हैं।

मंडल रेल प्रबंधक नवीन कुमार परसुरामका ने कहा कि यूनियन ने गत 14 माह से कोविड आपदा के दौरान सदैव रेल प्रशासन का सहयोग किया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. पीसी मीना ने यूनियन का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक संदीप चैहान, यूनियन के शाखा अध्यक्ष संजीव अरोड़ा, शाखा सचिव राकेश लाल, जयसिंह कुलेहरी, एलएन मीणा, बलदेव सिंह, रमेश निम्बोडिया, मनोज सिन्हा, संजय, ओमप्रकाश भी उपस्थित थे।


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