Move to Jagran APP

वैज्ञानिकों का दावा- राजस्थान के किसानों की फसल अब 40 दिन पहले पैदा हो सकेगी

काजरी के निदेशक डॉ.ओ.पी.यादव का कहना है कि प्रदेश के कृषि क्षेत्र में नया साल क्रांति लाने वाला साबित हो सकता है। काजरी के वैज्ञानिकों ने जीरे की फसल को लेकर ऐसी खोज की है जिसमें यह फसल मात्र 100 दिन में हो सकती है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 09:58 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 10:02 AM (IST)
वैज्ञानिकों का दावा- राजस्थान के किसानों की फसल अब 40 दिन पहले पैदा हो सकेगी
राजस्थान के किसानों को अब जीरे की खेती से काफी फायदा मिलने की उम्मीद है ।

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के किसानों को अब जीरे की खेती से काफी फायदा मिलने की उम्मीद है। जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) के वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके द्वारा की गई खोज से जीरे की ऐसी वैरायटी किसानों को मिलेगी, जिससे उन्हे फायदा होगा। जीरे की फसल अब तक किसानों के लिए खतरा ही साबित होती थी, इसका मुख्य कारण मौसम की मार के कारण खराबा होना था। कई बार ओलावृष्टि और कभी तेज बारिश के कारण जीरे फसल बर्बाद होती थी। लेकिन अब काजरी में हुई खोज के बाद किसानों को इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।

loksabha election banner

काजरी के निदेशक डॉ.ओ.पी.यादव का कहना है कि प्रदेश के कृषि क्षेत्र में नया साल क्रांति लाने वाला साबित हो सकता है। काजरी के वैज्ञानिकों ने जीरे की फसल को लेकर ऐसी खोज की है, जिसमें यह फसल मात्र 100 दिन में हो सकती है। आमतौर पर जीरे की फसल 140 दिन लेती है। जीरे की फसल के दौरान हमेशा बारिश आती है। लेकिन अब काजरी के वैज्ञानिकों ने जीरे की फसल 140 के बजाय 100 दिन में करने की तकनीक खोजी है। इस खोज के बाद 40 दिन पहले ही किसानों को जीरे की फसल मिल जाएगी।

राजस्थान के किसान जीरे की 70 प्रतिशत प्रतिशत खेती गुजरात द्वारा विकसित जीसी-4 वैरायटी की करते हैं। लेकिन काजरी ने प्राकृतिक उतरिवर्तन करवाकर सीजेडसी-94 वैरायअी को विकसित किया है। जीसी-4 को पकने में 140 दिन लगते हैं, लेकिन सीजेडसी-94 वैरायटी को पकने में मात्र 100 दिन लगेंगे।

काजरी के वैज्ञानिकों का कहना है कि देश में सबसे अधिक मसालों में निर्यात लाल मिर्च का होता है। उसके बाद जीरे का दूसरा नंबर आता है। साल 2019-20 में 2.10 लाख मैट्रिक टन जीरे का निर्यात हुआ था। इसकी कीमत 3225 करोड़ रुपए थी। यहां 3 साल की मेहनत के बाद नई वैरायटी की खोज की गई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.